धन से नहीं मन से अमीर बने, एक प्रेरणा देने वाली हिंदी कहानी/ Hindi Kahaniyon ka sangrah

Last Updated on August 8, 2023 by Manu Bhai

खबर काम की आज आपके लिए प्रस्तुत करता है. … Hindi Kahaniya, Hindi Kahaniyon ka sangrah

1. “मनुष्य को धन से नही मन से अमीर बनना चाहिए क्योकि मंदिरों में स्वर्ण कलश भले हीं लगे हो लेकिन नतमस्तक पत्थर की सीढ़ियों पर ही होना पड़ता है”. 

एक सेठ के पास धन की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उसका मन अशांत था, एक संत को सेठ ने दक्षिणा में स्वर्ण मुद्राएं दीं और कहा कि मन शांत करने का कोई उपाय बताएं

मन की शांति पाने के लिए सबसे पहले हमें इच्छाओं का त्याग करना होगा। इस संबंध एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक सेठ था। उसके पास धन की कोई कमी नहीं थी, सुख-सुविधा की हर चीज थी, लेकिन उसका मन अशांत था।

सेठ चाहता था कि उसका मन शांत रहे, लेकिन उसे शांति नहीं मिल रही थी। एक दिन उसके नगर में विद्वान संत पहुंचे। गांव के लोग संत से मिलने पहुंच रहे थे। संत गांव के लोगों की सभी परेशानियों को दूर करने के उपाय बता रहे थे। जब सेठ को ये बात मालूम हुई तो वह भी संत से मिलने पहुंच गया।

सेठ ने संत के सामने स्वर्ण मुद्राओं से भरी थैलियां रख दीं और कहा कि मेरा मन बहुत अशांत है, कृपा करके कोई ऐसा उपाय बताएं, जिससे मुझे शांति मिल सके।

संत ने सेठ से कहा कि ये मुद्राएं यहां से उठा लो, मैं गरीबों से दान नहीं लेता हूं। ये सुनकर सेठ हैरान हो गया। उसने कहा कि गुरुदेव मैं क्षेत्र का सबसे धनी सेठ हूं, आप मुझे गरीब क्यों बोल रहे हैं?

प्रेरणा देने वाली हिंदी कहानी

संत ने जवाब दिया कि अगर तू धनवान है तो मेरे पास क्यों आया है? सेठ ने कहा कि महाराज आपका आशीर्वाद मिल जाएगा तो मैं आसपास से सभी क्षेत्रों का सबसे धनी इंसान बन जाऊंगा और मेरे मन को शांति मिल जाएगी।

संत ने कहा कि सेठजी तुम्हारी इन इच्छाओं का कोई अंत नहीं है, अभी क्षेत्र का सबसे अमीर इंसान बनना है, फिर बाद में देश का सबसे अमीर सेठ बनना चाहोगे, ऐसे में तुम खुद को गरीबों से अलग क्यों मानते हो? भगवान का दिया सबकुछ होने के बाद भी तुम्हें और चाहिए, धन के लोभ में तुम्हें कभी भी शांति नहीं मिल सकती है। जब तक हम इच्छाओं का त्याग नहीं करेंगे, तब तक हमारा मन शांत नहीं हो सकता है। इसीलिए अगर शांति चाहते हो तो सभी इच्छाओं का त्याग कर दो।

जीवन प्रबंधन

इस प्रसंग की सीख यह है कि जब तक हमारे मन में सुख-सुविधाएं पाने की इच्छाएं रहेंगी, हम लगातार धन बढ़ाने के बारे में सोचते रहेंगे, ऐसी स्थिति में मन सदैव अशांत ही रहेगा। मन की शांति चाहिए तो सभी इच्छाओं का त्याग करना जरूरी है।

2. ज़मीन और मुक़द्दर की, एक ही फितरत होती है

जो भी बोया जाएगा उसका निकलना तय है.

3. सबके शब्द तो यदा-कदा चुभते ही रहते हैं परंतु जब
मौन चुभ जाए किसी का तो संभल जाना चाहिए.

प्रेरणा देने वाली हिंदी कहानी

2. हिंदी कहानी

एक समय की बात है, एक गांव में एक छोटा सा लड़का नामकरण हुआ। उसका नाम रामू था। रामू बहुत ही समर्पित और प्रेरणा का केंद्र बन गया था। वह हमेशा खुश रहता था और दूसरों को भी खुश रखने का प्रयास करता था।

एक दिन, रामू को स्कूल में एक प्रेरणादायक कहानी सुनाई गई। यह कहानी एक अद्भुत चिड़िया की थी, जो एक नीले रंग की गुलाबी फुल ढूंढ़ रही थी। वह बहुत दूर तक उड़ी और अंत में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया।

रामू ने वह कहानी ध्यान से सुनी और उससे प्रेरित हो गया। उसे लगा कि वह भी जीवन में कुछ महत्वपूर्ण कर सकता है। वह सोचा, “मुझे भी अपने सपनों की ओर उड़ना होगी।”

रामू ने अपने अध्यापक से पूछा, “सर, मुझे एक उड़ने वाली मशीन बनानी है। क्या आप मेरी मदद करेंगे?” उनके अध्यापक ने रामू की सोच की सराहना की और उसे मशीन बनाने में मदद की।

रामू ने अपनी मेहनत, समर्पण और उत्साह के साथ मशीन बनाई। वह नीचे से एक उड़ानयंत्र लगाया, और जब वह इसे चलाने का प्रयास करता, तो वह हवाई में ऊड़ जाता। रामू गर्व से भरा हुआ था क्योंकि उसने अपने सपने को साकार कर दिया था।

यह कहानी सुनकर, गांव के अन्य बच्चे भी प्रेरित हुए और अपने सपनों की ओर उड़ने के लिए प्रयास करने लगे। रामू ने उन्हें मार्गदर्शन दिया और उन्हें संघर्ष करने की प्रेरणा दी।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि प्रेरणा हमें संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करती है। हमें अपने सपनों के पीछे जाना चाहिए और अपार संघर्ष करने के बावजूद उन्हें प्राप्त करना चाहिए। रामू की कहानी हमें सिखाती है कि हमारे अंदर की ताकत के साथ हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

3. हिंदी कहानी बच्चे का नामकरण

एक बार की बात है, एक छोटा सा बच्चा नामकरण समारोह के लिए अपने नगर मंडल में जा रहा था। उसकी माँ उसे अपने साथ ले गई और वह अपनी खुशी और उत्साह से भरी था।

मंडल में आकर, वे देखें कि एक बहुत ही विद्वान पंडित बैठे हैं, जिन्होंने वेरमाला के रूप में व्याख्यान देना था। बच्चा अपनी माँ से पूछता है, “माँ, वे कौन हैं और वे क्या कर रहे हैं?”

माँ मुस्कराते हुए बताती है, “बेटा, वे एक विद्वान हैं जो अपने ज्ञान को सबके साथ साझा करना चाहते हैं। वे हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखा सकते हैं।”

बच्चा उत्साहित होकर पंडित के पास जाता है और पूछता है, “स्वामीजी, कृपया मुझे एक कहानी सुनाइए जो मुझे प्रेरित करे और मेरे भविष्य के लिए मार्गदर्शन करे।”

पंडित हंसते हुए उठते हैं और एक छोटी सी कहानी सुनाते हैं, “बच्चा, एक समय की बात है, एक गांव में एक गोलू नामक लड़का रहता था। वह बहुत ही आलसी और सुस्त था। उसकी शिक्षा और कार्यक्षमता में कमी थी। उसके माता-पिता और शिक्षक ने उसे बार-बार प्रेरित किया, लेकिन वह बदलने को तैयार नहीं था।”

“एक दिन, गोलू ने एक बुद्धिमान पक्षी को देखा, जो ऊँचाई पर उड़ रहा था। वह उसे देखकर चमत्कृत हो गया। उसने सोचा कि वह गोलू बनने के लिए पक्षी से सीख सकता है।”

“गोलू पक्षी के पास गया और पूछा, ‘भगवान, कृपया मुझे ऊँचाई पर उड़ना सिखा दें ताकि मैं अपने गांव में सभी के दिलों का दिलदार बन सकूँ।'”

“पक्षी ने कहा, ‘गोलू, उड़ना सीखना आसान नहीं होगा। यह अनुशासन, मेहनत, और समर्पण का काम है। लेकिन अगर तुम सतत प्रयास करोगे और हार नहीं मानोगे, तो तुम एक दिन अपने सपनों को पूरा कर पाओगे।'”

“गोलू ने पक्षी की बातों को गहराई से समझा और उसने अपनी आलस्य और सुस्ती को पीछे छोड़कर योग्यता की ओर प्रगति की। वह मेहनत करता रहा, पढ़ाई करता रहा और समय पर काम करना सीखता रहा।”

“समय बितते बितते, गोलू ने खुद को सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचते देखा। वह अब एक सफल और प्रशंसित व्यक्ति बन गया था। उसकी आत्मविश्वास और कार्यक्षमता ने उसे उन्नति के नए मार्ग पर ले जाया।”

“गोलू ने यह समझा कि यदि हम अपनी कमजोरियों पर काम करें, अनुशासन से जीवन जिएं और प्रतिस्पर्धा में कामयाब होने के लिए हार नहीं मानें, तो हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं।”

“बच्चा गोलू ने यह सुनकर आत्मविश्वासित हो गया और अपने भविष्य के लिए नया संकल्प लिया। वह जागरूक और मेहनती बनकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हुआ।”

“इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें खुद को प्रेरित करने की आवश्यकता होती है, हमें अपने सपनों के पीछे भागने की उत्सुकता रखनी चाहिए और हमेशा मेहनत करते रहना चाहिए ताकि हम सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकें।”

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