Last Updated on July 20, 2024 by Manu Bhai
Dr. S. Somanath Biography in Hindi : जैसा की की आपसबों को पता है की चंद्रयान 3 की चन्द्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग हो चुकी है। तो आपको ये भी जानना चाहिए की इस सफल चंद्र मिशन के पीछे कौन व्यक्ति है? आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Dr. S. Somanath Biography in Hindi में उनके बारे में विस्तार से बताएँगे।
इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे डॉ. एस. सोमनाथ की बायोग्राफी, एस. सोमनाथ कौन है, एस. सोमनाथ का पूरा नाम, एस. सोमनाथ का जीवन परिचय, उनकी योग्यता, हिस्ट्री, इसरो, एजुकेशन, सैलरी, फॅमिली ISRO ke vartman adhyaksh kaun hai, इत्यादि (S. Somanath Biography) (S. Somnath Full Name, ISRO Chairman, Wife, Family, Qualification, Salary, Net Worth, Chandrayan-3, History) Dr S. Somanath ISRO Chairman Biography, scientist Dr S Somanath Biography.
ISRO Chief Dr. S. Somanath Biography in Hindi
एस. सोमनाथ एक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO(इसरो) के दसवें और वर्तमान अध्यक्ष हैं। इस पद पर उनकी नियुक्ति अभी हाल ही में १ जुलाई २०२३ को हुई थी। उन्हें एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में इसरो में गरिमामय स्थान प्राप्त है और उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिनमें चंद्रयान-2 और गगनयान शामिल हैं। कैबिनेट की पोस्टिंग कमेटी ने डॉ. एस सोमनाथ को इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन के दसवें अध्यक्ष के रूप में नामित किया है।
इस पद की प्राप्ति उन्होंने डॉक्टर के. सिवन के सेवानिवृत्ति के बाद की, जिन्हें साल 2018 में इसरो के चेयरपर्सन बनाया गया था। एस. सोमनाथ इस पद को प्राप्त करने की योग्यता से परिपूर्ण हैं, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख के रूप में पूरी तरह से पात्रता पूरी की और साथ ही वे इस पद के लिए पूरी तरह से तैयार थे। तो चलिए, इस लेख में हम डॉ. एस सोमनाथ की जीवनी के बारे में (S. Somanath Biography in Hindi) विस्तार से जानते हैं। Lets start the Biography of S. Somnath in Hindi.
ISRO Chairman Dr. S. Somanath Biography in Hindi
भारत और इसरो की यह उपलब्धि वास्तव में अद्वितीय है, अब इसरो दुनिया के प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों में से एक बन गया है। आज समूचा विश्व इसरो की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
2019 में, चंद्रयान-2 की असफलता के बाद, करोड़ों भारतीयों की आशाएँ टूट गई थीं, लेकिन आज आखिरकार 23 अगस्त 2023 को भारत इसरो के साथ मिलकर इस अधूरे सपने को पूरा कर चुका है।
पूरी दुनिया जानना चाहती है कि चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे कौन है? इस मून मिशन के असली नायक कौन है? आज हम आपको इन सवालों के उत्तर देने वाले हैं। और बताने वाले हैं कि चंद्रयान ३ के सफलता के पीछे कौन खड़ा था।
एस सोमनाथ की बायोग्राफी (S. Somanath Biography in Hindi)
इसरो चीफ़ डॉ एस सोमनाथ का जीवन परिचय
नाम | एस सोमनाथ (S. Somanath) |
पूरा नाम | श्रीधर पाणिकर सोमनाथ |
जन्म | July 1963 |
जन्म स्थान | Aroor Alappuzha, केरल |
वर्तमान उम्र | 60 साल |
धर्म (Religion) | हिंदू (Hindu) |
जाति | अज्ञात |
वैवाहिक अवस्था | विवाहित |
प्रोफेशन- पद कार्य | इसरो चेयरपर्सन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अध्यक्ष (15 जनवरी 2022) |
पढ़ाई – शैक्षिण योग्यता | सन् 1978-1980- महाराजा कॉलेज एर्नाकुलम में स्नातक (Graduate) सन् 1980-1985- टीकेएम से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक सन् 1994-1995- बंगलौर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग सन् 2008- IIT मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी |
कॉलेज | टीकेएम कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग कोल्लम, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस बेंगलुरु |
पता– Address | एम- 13, मुरली नगर, तिरुअनंतपुरम-695022, अंबालामुक्कू, पेरूरकड़ा, केरल, इंडिया |
मित्रों, आज हम आपको बताएंगे कि एस सोमनाथ का पूरा नाम, उनके परिवार के बारे में, उनकी शिक्षा, उनका कार्य, सैलरी आदि सभी विषयों पर आपको विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे, तथा हम आपको यह भी बताएंगे कि चंद्रयान में उनका क्या योगदान है। तो चलिए, हम S. Somnath के विषय में विस्तार से जानते हैं।
कौन है एस सोमनाथ ? (Who is S. Somnath)
एस सोमनाथ कौन है ?
एस. सोमनाथ का जन्म सन 1963 में जुलाई महीने में केरल राज्य के आरूर अलप्पुज़ा जिले के स्थान पर हुआ था। (जन्म कि तिथि अज्ञात है) वे एक एयरक्राफ्ट इंजीनियर और रॉकेट तकनीशियन हैं। वर्तमान में, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 10वें अध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं।
एस सोमनाथ को 1 जुलाई 2023 को इस पद के लिए चुना गया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में काम किया, जैसे कि चंद्रयान-2 और गगनयान। कैबिनेट की पोस्टिंग कमेटी ने उन्हें इसरो के 10वें अध्यक्ष के रूप में चुना था। उनके पूर्व में, डॉक्टर के. सिवान ने इसरो के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था।
एस सोमनाथ का पूरा नाम (S. Somanath Full Name)
वैसे तो ये एस सोमनाथ (S. Somnath) के नाम से ही विख्यात हैं परन्तु इनका पूरा नाम श्रीधर पाड़ीकर सोमनाथ है और संक्षेप में लोग सोमनाथ कहकर बुलाते हैं।
एस सोमनाथ (S Somanath) का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
इसरो के वैज्ञानिक एस सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 को केरल के अरूर, अलाप्पुझा में हुआ। उनका प्रारंभिक जीवन और शिक्षा भारत के केरल राज्य में ही पूरा हुआ।
एस सोमनाथ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट ऑगस्टीन हाई स्कूल, अरूर से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम से अपने प्री-डिग्री प्रोग्राम पूरा किया। उन्होंने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कोल्लम, केरल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
एस सोमनाथ अपनी स्नातक तक की पढ़ाई के बाद, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हो गए। उन्हें ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन परियोजना से जुड़ा गया था, जो उनके करियर की शुरुआत थी।
2010 में, एस सोमनाथ ने वीएसएससी के एसोसिएट डायरेक्टर और जीएसएलवी एमके III लॉन्च वेहिकल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया।
उन्होंने नवंबर 2014 तक प्रोपल्शन एंड स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के उप निदेशक के रूप में भी काम किया।
भारत में जीएसएलवी एमके-3 (GSLV MK-3 ) बनाने की उपलब्धि
जीएसएलवी(GSLV), जिसका पूरा नाम जियोसिंक्रोनल सैटेलाइट लांच व्हीकल है (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle), अब से पहले वह भारत में नहीं बनाया जा सकता था, और पश्चिमी देशों ने इसकी तकनीक को दूसरे देशों के साथ साझा करने से मना कर दिया था। ऐसे में यह भारत के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज था, हालांकि, एस सोमनाथ के प्रयासों के फलस्वरूप, भारत में इसके नवीनतम संस्करण का निर्माण संभव हो सका है।
डॉ. एस सोमनाथ का परिवार (S Somnath Family)
डॉ. एस सोमनाथ के पिता एक हिंदी अध्यापक थे। फिर भी, जब सोमनाथ के पिता जी ने अपने बेटे की विज्ञान के प्रति लगन देखी तो उन्होंने अपने बेटे को विज्ञान विषय की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित किया और सोमनाथ को अंग्रेजी और मलयालम में विज्ञान की किताबें उपलब्ध कराईं, जिससे सोमनाथ को विज्ञान विषयों की अच्छी समझ हो गई।
सोमनाथ के पिता का नाम श्रीधर पणिक्कर और माता का नाम थंकम्मा था। उनके परिवार में उनकी पत्नी वलसाला (Valsala kumari), बेटा माधव (Madhav) और बेटी मलिका हैं। ये सभी एस सोमनाथ के परिवार के सदस्य हैं।
माता-पिता | Vedamparambil Sreedhara Panicker, Thankamma |
पत्नी | वलसाला |
बच्चे | 2 |
बेटा | माधव |
बेटी | मालिका |
डॉ. एस सोमनाथ की पत्नी कौन हैं? (Who is S Somnath Wife)
श्रीधर पणिकर सोमनाथ की शादी वलसाला नाम की महिला से हुई है और उनके दो बच्चे हैं। जानकारी के मुताबिक, उनकी पत्नी वित्त मंत्रालय के तहत वस्तु एवं सेवा कर विभाग (GST Department) में काम करती हैं। उनके दोनों बच्चों ने इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है।
Dr. S. Somanath Biography in Hindi
डॉ. एस सोमनाथ का करियर (S. Somnath Career)
- डॉ. एस सोमनाथ 1985 में इसरो में शामिल हुए थे। तब से वह इसरो (ISRO) में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं। जैसे कि – पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) प्रोग्राम मैनेजर, स्ट्रक्चरल एंटिटी/प्रोपल्शन एंड स्पेस ऑर्डनेंस एंटिटी के उप निदेशक, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV Mk-III) प्रोग्राम डायरेक्टर, आदि।
- एस सोमनाथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान कार्यक्रम के शुरुआती चरण में भी इसमें शामिल रहे थे और नवंबर 2014 तक उन्होंने प्रस्ताव और अंतरिक्ष विनियमन इकाई के उप निदेशक के रूप में भी काम किया हुआ है
- सोमनाथ ने जून 2015 में सेंटर फॉर लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम के निदेशक के रूप में भी काम किया है, जहां वह मुख्य रूप से लॉन्च वाहनों और अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए तरल प्रणोदन प्रणाली के डिजाइन के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
- डॉ. सोमनाथ ने पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के रूप में भी कार्य किया था।
- आपकी सुविधा के लिए, हम आपको बता देना चाहते हैं कि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का मुख्य केंद्र है जो प्रक्षेपण वाहनों के डिजाइन के लिए जिम्मेदार है।
- वह कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल रहे हैं जैसे: चंद्रयान -1: भारत का पहला चंद्र मिशन, चंद्रयान -2: भारत का दूसरा चंद्र मिशन जिसने चंद्रमा की सतह पर एक लैंडर और रोवर को सफलतापूर्वक उतारा, और तीसरा गगनयान: भारत का पहला मानव मिशन।
- इन सभी अंतरिक्ष अभियानों में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
- इतना ही नहीं, बल्कि हम यह भी देखते हैं कि चंद्रयान-3, जिसकी वे अध्यक्षता कर रहे हैं, एक सफल अंतरिक्ष प्रोग्राम रहा है।
एस सोमनाथ सैलरी (S. Somanath Salary)
इसरो(ISRO) का अध्यक्ष बनना कोई आसान उपलब्धि नहीं है। सोमनाथ सुशिक्षित व्यक्ति हैं और अंतरिक्ष अनुसंधान में अनुभवी हैं, जिससे उन्हें अच्छा वेतन मिलता है। मिली जानकारी के मुताबिक श्रीधर पणिकर सोमनाथ की सैलरी करीब 250,000 रुपये प्रति माह है. वर्तमान में, वह इसरो संगठन के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ. एस. सोमनाथ नेट वर्थ / डॉ. एस सोमनाथ की कुल कमाई
सोमनाथ बहुत मेहनती हैं. वह इसरो के प्रति अपनी सेवा के प्रति बहुत ईमानदार हैं। हालांकि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि वे वास्तव में कितना कमाते हैं, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह लगभग 3-5 करोड़ रुपये है। एस सोमनाथ बहुत ही सरल व्यक्ति हैं। बहुत कम लोग अभी भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और साधारण जीवन जी रहे हैं।
डॉ. एस सोमनाथ के अवार्ड (Awards & Achievements)
सोमनाथ को अपने करियर के दौरान अपने उत्कृष्ट कार्य अनुभव के लिए कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। हम आपके लिए इसका विवरण देंगे।
- उन्हें इंडियन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी द्वारा स्पेस गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें भारत की राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी द्वारा भी सम्मानित किया गया था।
- सोमनाथ को 2014 उत्कृष्ट प्रदर्शन पुरस्कार और 2014 टीम उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला। उन्हें यह पुरस्कार जीएसएलवी एमके के साथ मिला।
- सोमनाथ को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जैसे: –
1 | पद्मश्री | 2022 |
2 | शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार | 2021 |
3 | डी.एस. कोठार पुरस्कार | 2020 |
4 | इसरो वैज्ञानिक पुरस्कार | 2019 |
चंद्रयान-3 में श्रीधर सोमनाथ का योगदान (S. Somnath Chandrayan 3 )
S. Somnath Chandrayan 3
श्रीधर सोमनाथ को चंद्रयान 3 के मास्टरमाइंड में से एक माना जाता है। 14 जनवरी, 2022 को उन्हें इसरो का प्रमुख नियुक्त किया गया था। वर्तमान सेवा अवधि 3 वर्ष की है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि इसरो के S Somnath ने के. सिवन (K. Sivan) का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह पद संभाला था। आज यदि पुरे विश्व भर में भारत के चंद्रयान 3 मिशन के सफलता का डंका बज रहा है तो उसमे एस सोमनाथ का एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।
चंद्रयान 3 का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किया गया था। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम था। चंद्रयान 3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर जाकर विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन करना था, जिसमें चंद्रमा की संरचना, भूरित का पता लगाना, उसकी चारा परिस्थितिकी और अन्य वैज्ञानिक अध्ययन शामिल थे।
चंद्रयान 3 की सफलता से भारत ने अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। इस मिशन के बाद भारत ने विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों में भी सफलता प्राप्त की है और इसरो का प्रतिष्ठान विश्व स्तर पर बढ़ा है।
चंद्रयान 3 के माध्यम से हमने चंद्रमा के रहस्यमयी और अद्वितीय दुनिया को और नजदीक से जानने का अवसर प्राप्त किया है। यह मिशन भारतीय वैज्ञानिकों के प्रत्येक के लिए एक गर्व का क्षण है और इससे हमारे विज्ञान क्षेत्र में नये उत्थान की संभावना बढ़ी है।
चंद्रयान 3 के उपलब्ध डेटा से हमने चंद्रमा की सतह के बारे में अनगिनत जानकारी प्राप्त की है और इससे हमारे वैज्ञानिक अनुसंधान में नये दिशानिर्देश और अद्वितीय अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
चंद्रयान 3 के सफल लॉन्च के बाद से, भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में और भी उन्नति की ओर बढ़ रहा है और इससे हमारा देश विश्व में गर्व कर सकता है।
FAQ –
इसरो का नया अध्यक्ष कौन है?
Ans : एस सोमनाथ को ISRO का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
Q : डॉक्टर सोमनाथ कौन है?
Ans : डॉक्टर सोमनाथ इसरो साइंटिस्ट और इसरो संस्था के नए और दसवें अध्यक्ष हैं।
Q : 2008 में इसरो के अध्यक्ष कौन थे?
Ans : के राधाकृष्णन 2008 में इसरो के अध्यक्ष थे।
Q : इसरो के डायरेक्टर कौन है?
Ans : श्रीधर पाणिकर सोमनाथ इसरो के डायरेक्टर हैं।
Q : इसरो का पूरा नाम क्या है?
Ans : इसरो का पूरा नाम इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन है।
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