गुरु पूर्णिमा का महत्व : जानिए गुरु पूर्णिमा 2023 की तारीख, शुभ मुहूर्त, स्नान का महत्व और पूजा विधि के बारे में / Guru Purnima Kab hai?

Last Updated on December 6, 2023 by Manu Bhai

गुरु पूर्णिमा का महत्व : जब बात आती है आध्यात्मिकता और ज्ञान की, तो गुरु का महत्व अपार होता है। गुरु पूर्णिमा, गुरु को समर्पित एक महान त्योहार है जो हर साल मनाया जाता है। यह पर्व शिष्य-गुरु सम्बंध की महत्वता को समझाने और संदेश पहुंचाने का एक माध्यम है। इस लेख में हम गुरु पूर्णिमा 2023 की तारीख, शुभ मुहूर्त, स्नान महत्व और पूजा विधि के बारे में चर्चा करेंगे, ताकि आप इस पवित्र पर्व को और अधिक महत्वपूर्ण बना सकें।

Table of Contents

गुरु पूर्णिमा 2023 की तारीख

गुरु पूर्णिमा का त्योहार हर साल शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार अशाढ़ मास के मार्गशीर्ष नक्षत्र को चंद्रमा के साथ मिलने पर पड़ती है। 2023 की गुरु पूर्णिमा की तारीख 03 जुलाई है, वैसे तो हिन्दू पंचांग के अनुसार, 02 जुलाई की रात 08 बजकर 21 मिनट पर आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत हो जायेगी परन्तु इस तिथि की समाप्ति 03 जुलाई सोमवार को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर होगी। ऐसे में साल 2023 में गुरु पूर्णिमा 03 जुलाई सोमवार को ही मनाई जायेगी।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

जीवन में गुरु का महत्व


गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः।।

गुरु की महिमा को संस्कृत श्लोक के माध्यम से व्यक्त किया गया है। यह श्लोक कहता है कि गुरु का स्थान देवों में भी सर्वोपरि है। गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। वे स्वयं परम ब्रह्म हैं और हम उन गुरु को प्रणाम करते हैं।

कबीर दास ने भी गुरु की महत्ता को व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा है, “गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।।” इसका अर्थ है कि गुरु और भगवान दोनों साथ में खड़े हैं, लेकिन गुरु के चरणों में ही शरण लेनी चाहिए। हम गुरु को बलिदान करते हैं क्योंकि वे ही हमें भगवान की प्रतिभा का बोध कराते हैं। इसी से समझा जा सकता है कि भारतीय संस्कृति, ख़ास कर सनातन में गुरु की की क्या महत्ता रही है।

गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन गुरु के सम्मान में मनाया जाता है और शिष्य गुरु को धन्यवाद देते हैं जो उन्हें ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यह त्योहार भक्तों को एक साथ में लाता है और उन्हें गुरु की उपासना करने का अवसर देता है। गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त गुरु की पूजा, प्रणाम और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

गुरु पूर्णिमा की तिथि


गुरु पूर्णिमा का त्योहार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष, गुरु पूर्णिमा 2023 03 जुलाई, सोमवार को पड़ रही है। यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार होती है और प्रत्येक वर्ष बदलती रहती है। इस दिन शुभ मुहूर्त और स्नान का विशेष महत्व होता है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे।

गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त


गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मुहूर्त विशेष रूप से पूजा और संस्कार के लिए मान्यता प्राप्त करता है। गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर गुरु की पूजा करने से उच्च स्पष्टता, ध्यान और आनंद मिलता है। इस वर्ष, गुरु पूर्णिमा 2023 के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

पूर्वाह्न मुहूर्त: 05:40 AM से 10:23 AM
अपराह्न मुहूर्त: 02:10 PM से 08:28 PM
गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में गुरु पूर्णिमा वाले दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और बुधादित्य राजयोग बन रहा है।

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गुरु पूर्णिमा का स्नान महत्व


गुरु पूर्णिमा का महत्व : गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान का विशेष महत्व होता है। यह स्नान पवित्र माना जाता है और शुभ फल प्रदान करता है। स्नान करने से शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान करने के लिए नदी, तालाब, कुंड, या स्नानघाट जाने का विशेष महत्व होता है। स्नान करते समय निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करें:

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥

यह मंत्र स्नान के समय प्रयोग करने के लिए उपयुक्त होता है और स्नान का अधिकार प्रदान करता है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि


गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  • पूजा स्थल को साफ़ करें और उसे सुंदरता से सजाएं।
  • गुरु की मूर्ति या फोटो को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  • गंध, दीप, फूल, अक्षत, आरती की थाली, और पूजा सामग्री को तैयार करें।
  • पूजा की शुरुआत करने के लिए हाथ धोएं और स्नान करें।
  • पूजा की थाली में गंध, अक्षत, फूल, और दीप रखें।
  • गुरु की मूर्ति को अर्चना करें और मन्त्रों का जाप करें।
  • आरती करें और फूलों का चढ़ावा करें।
  • प्रसाद बांटें और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • इस विधि के अलावा, आप अपने गुरु के अनुसार और अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर पूजा की विधि को भी बदल सकते हैं।

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गुरु पूर्णिमा के दिन होता है वेद व्यास जयंती

गुरु पूर्णिमा को वेद व्यास जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। यह त्योहार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जब महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। उन्होंने महाभारत का महाकाव्य रचना किया था, जिसका महत्व धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग वेद व्यास जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें अपने गुरु के रूप में स्मरण करते हैं। इसके साथ ही गुरु पूर्णिमा को गुरु-शिष्य परंपरा की महत्वपूर्णता का प्रतीक माना जाता है, जहां शिष्य अपने गुरु को सम्मान और प्रणाम करते हैं और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान की सराहना करते हैं।

गुरु पूर्णिमा महर्षि वेद व्यास

गुरु पूर्णिमा के दिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि:

  • वेद व्यास जी की पूजा और आराधना करना।
  • गुरु के चरणों में फूलों की चढ़ाई करना।
  • गुरु के चरणों का पानी पीना।
  • गुरु भजनों की प्रस्तुति करना और उन्हें गाना।
  • सत्संग और साधुसंग में भाग लेना।
  • गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान की ध्यान और साधना करना।

यह सभी कार्यक्रम गुरु पूर्णिमा को एक उत्कृष्ट और पवित्र दिन बनाते हैं, जहां गुरु और शिष्य का आदर-सम्मान किया जाता है और शिक्षा के महत्व को संजोने का संकल्प लिया जाता है।

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गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा का महत्वपूर्ण संदेश

गुरु पूर्णिमा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है। यह त्योहार हमें गुरु के महत्व को समझने और आदर्शों के साथ जीने की महत्वपूर्ण प्रेरणा प्रदान करता है। गुरु हमारे जीवन में मार्गदर्शक, उज्ज्वलता और संजीवनी की भूमिका निभाते हैं। इसलिए, इस अवसर पर हमें गुरु के महत्व को मान्यता देनी चाहिए और उन्हें सम्मान देने का संकल्प लेना चाहिए।

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गुरु पूर्णिमा FAQ 30 प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: गुरु पूर्णिमा क्या है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है जो गुरु की महिमा और प्रेम की प्रशंसा करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो चांदी मास के मार्गशीर्ष मास के अंत में पड़ती है।

प्रश्न 2: गुरु पूर्णिमा कब मनाया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा हर साल चांदी मास के मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष, गुरु पूर्णिमा 2023 में प्रभुवार, 8 जुलाई को मनाया जाएगा।

प्रश्न 3: गुरु पूर्णिमा की प्राथमिकता क्या है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा की प्राथमिकता गुरु की महिमा, प्रभाव, और प्रेम की प्रशंसा करना है। इस दिन लोग अपने गुरु के प्रति आदर व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और मार्गदर्शन का आभार प्रकट करते हैं।

प्रश्न 4: गुरु क्या होता है?

उत्तर: गुरु एक अद्यात्मिक आचार्य, शिक्षक, या मार्गदर्शक होता है जो ज्ञान, दिशा, और प्रेरणा का स्रोत होता है। वह हमें जीवन में सही मार्ग प्रदान करता है और हमें उच्चतम सत्य की ओर ले जाता है।

प्रश्न 5: गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा का महत्व अपार है। इस दिन गुरु की महिमा, प्रेम, और प्रभाव की प्रशंसा की जाती है। लोग अपने गुरु के प्रति आदर व्यक्त करते हैं और उन्हें उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का आभार प्रकट करते हैं। यह त्योहार शिक्षा, सद्गुणों का विकास, और स्वयं के ऊर्जा का संचय करने के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 6: गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करें?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा के दिन आप निम्नलिखित कार्यों को कर सकते हैं:

  • अपने गुरु के समक्ष आदर व्यक्त करें।
  • उन्हें उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का आभार प्रकट करें।
  • सत्संग में भाग लें और गुरु के उपदेश सुनें।
  • ध्यान योग और मेधावी व्यायाम करें।
  • साधारण जनता की सेवा करें और दान करें।

प्रश्न 7: गुरु पूर्णिमा मनाने के लिए शुभ मुहूर्त कब है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा मनाने के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त है:

पूर्वाह्न मुहूर्त: 05:40 AM से 10:23 AM
अपराह्न मुहूर्त: 02:10 PM से 08:28 PM

प्रश्न 8: गुरु पूर्णिमा का व्रत कैसे रखें?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा का व्रत रखने के लिए आप निम्नलिखित नियमों का पालन कर सकते हैं:

  • स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  • मंत्रों का जाप करें और ध्यान करें।
  • गुरु का पूजन करें और उन्हें चंदन, कपूर, और पुष्प अर्पित करें।
  • व्रत का पूजन और आरती करें।
  • गुरु के चरणों का प्रदक्षिणा करें और उनकी कृपा का प्रार्थना सहित उन्हें प्रणाम करें।

प्रश्न 9: गुरु पूर्णिमा की परंपरा कब से चली आ रही है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा की परंपरा बहुत प्राचीन है और हिंदू संस्कृति में दशहरा युग से चली आ रही है। यह त्योहार महर्षि वेद व्यास को समर्पित है, जिन्होंने महाभारत का निर्माण किया था।

प्रश्न 10: गुरु पूर्णिमा की पूजा में कौन-कौन से सामग्री का उपयोग किया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा की पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:

  • फूल, पुष्प, और पत्ते
  • चंदन और कपूर
  • अगरबत्ती और दीप
  • नीरजन, धूप, और दीपावली
  • फल और प्रसाद

प्रश्न 11: गुरु पूर्णिमा का इतिहास क्या है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा का इतिहास गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णता रखता है। इसे महर्षि वेद व्यास की स्मृति और महिमा को समर्पित किया जाता है, जिन्होंने वेदों का संकलन किया और महाभारत का निर्माण किया। इस दिन लोग अपने गुरु के प्रति आदर व्यक्त करते हैं और उन्हें उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का सम्मान करते हैं।

प्रश्न 12: गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व क्या है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व इसे एक पवित्र और आध्यात्मिक त्योहार बनाता है। यह दिन गुरु की महिमा, प्रेम, और प्रभाव की प्रशंसा करने का अवसर होता है। गुरु को मान्यता प्राप्त होती है क्योंकि वह हमें आध्यात्मिक और ज्ञानार्जन का मार्गदर्शन करता है और हमें सच्चे सत्य की ओर ले जाता है।

प्रश्न 13: गुरु पूर्णिमा कौन-कौन सी धर्मों में मनाया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म, जैन धर्म, और सिख धर्म में मनाया जाता है। इस दिन यथार्थ गुरु की प्रशंसा की जाती है और उन्हें आदर दिया जाता है।

प्रश्न 14: गुरु पूर्णिमा मेले कहाँ लगते हैं?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा के दिन भारतवर्ष में कई स्थानों पर मेले लगते हैं। कुंभकोणमेला, वृंदावन, और द्वारका जैसे प्रमुख स्थानों पर मेले आयोजित होते हैं, जहां लोग गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों, सत्संगों, और भक्तिसंगीत का आनंद लेते हैं।

प्रश्न 15: गुरु पूर्णिमा पर क्या किया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा पर निम्नलिखित कार्यों किए जाते हैं:

  • गुरु की पूजा और आराधना
  • गुरुवंदना की जाती है और आदर व्यक्त की जाती है
  • सत्संग और सत्संगों के आयोजन
  • गुरुवाणी के पाठ और सुनाई जाती है
  • धार्मिक कथाओं और जीवन गाथाओं का पाठ

प्रश्न 16: गुरु पूर्णिमा की कहानी क्या है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा की कई कहानियाँ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • महर्षि वेद व्यास की कथा: इस कथा के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन वेद व्यास ने अपने छात्र पराशर को वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इस दिन को महर्षि वेद व्यास के नाम पर भी मनाया जाता है।
  • श्री गुरुनानक देव जी की कथा: इस कथा के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन संत गुरुनानक देव जी ने अपने चेले भक्तों को धर्म के सिखाने का कार्य संपादित किया था। इसलिए यह त्योहार सिख समुदाय में भी महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 17: गुरु पूर्णिमा के दिन किसे प्रदक्षिणा किया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के प्रदक्षिणा किया जाता है। प्रदक्षिणा के दौरान लोग गुरु के चारों ओर पैदल चक्कर लगाते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं। यह प्रक्रिया गुरु की कृपा का प्रतीक है और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान की सम्मानित करती है।

प्रश्न 18: गुरु पूर्णिमा के दिन किसे दान किया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा के दिन दान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग गुरु के नाम पर धर्मिक दान करते हैं और अन्न, वस्त्र, आदि की दान करते हैं। इससे उन्हें धार्मिक सामाजिक और आध्यात्मिक शुभकामनाएं मिलती हैं।

प्रश्न 19: गुरु पूर्णिमा के दिन गीत किए जाते हैं?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु भक्ति संगीत की प्रस्तुति की जाती है। लोग गुरु के गुणों, महिमा, और प्रेम का गान करते हैं और उन्हें भजनों और कीर्तनों के माध्यम से याद करते हैं। इससे उनका मन शांत और आनंदित होता है।

प्रश्न 20: गुरु पूर्णिमा का महत्व किस प्रकार मनाया जाता है?

उत्तर: गुरु पूर्णिमा का महत्व विभिन्न ढंगों में मनाया जाता है। लोग मंदिरों, आश्रमों, और साधु-संतों के पास जाकर सत्संग और साधुसंग का आनंद लेते हैं। वे धार्मिक पाठ, संगीत, प्रवचन, और साधुसंग में भाग लेते हैं। इस दिन लोग अपने गुरु को आदर और प्रेम व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा की प्रार्थना करते हैं।

यहाँ कुछ प्रमुख प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। गुरु पूर्णिमा का महत्व से संबंधित और भी कई प्रश्न हो सकते हैं, जिनके उत्तर आपको और विस्तृत जानकारी दी जा सकती है।

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