दिल को छू लेने वाली कहानी | Heart Touching Story In Hindi

Last Updated on December 6, 2023 by Manu Bhai

दिल को छू लेने वाली कहानी: जीवन में कई बार हमें ऐसी कहानियां मिलती हैं जो हमारे दिल को छू जाती हैं और हमें एक नई राह दिखा देती हैं। ये कहानियां न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं, बल्कि हमें जीवन के अहम सबको सिखाती हैं। यहां हम आपके साथ एक ऐसी ही दिल को छू लेने वाली कहानी साझा करने जा रहे हैं, जो आपके दिल को भी छू लेगी। हम आपको एक ऐसी दिल को छू लेने वाली कहानी सुनाना चाहते हैं, जो आपके मन को छू जाएगी। यह कहानी हमारे जीवन के आधार पर है और हम उम्मीद करते हैं कि यह आपके दिल को भी छू लेगी। हम इस कहानी को इसलिए साझा कर रहे हैं ताकि लोग इससे कुछ सीख सकें और एक नई दिशा की ओर बढ़ सकें। इस कहानी में हमने सकारात्मक संदेशों को सम्मिलित किया है जो आपके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

कहानी : मतलब का रिश्ता, दिल को छू लेने वाली कहानी

Heart touching story in Hindi

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मतलब का रिश्ता, एक भावनात्मक कहानी

एक गांव में एक बड़ा साहूकार रहता था। वह साहूकार बहुत पैसे वाला था। आसपास के कई गांव में उसका बड़ा नाम था। लेकिन वह एक घमंडी आदमी था, उसे अपने पैसों का,अपने रुतबे का और अपने नाम का बड़ा ही घमंड था। वह अपने नाम को बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा सोचता था और बिना किसी के भावनाओं की कद्र किए, वो सब करता था जो उसे लगता था कि करना चाहिए।

परन्तु इतने आमिर और धन दौलत होने के बाद भी साहूकार के मन में अंदर से ख़ुशी नहीं थी। क्योंकि उसके इस धन सम्पदा को कोई भोगने वाला संतान ना था। साहूकार को कई सालों बाद एक संतान प्राप्ति हुई थी। साहूकार ने अपने इस खुशी को मनाने के लिए अपने घर पर एक बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा, जिसमें उसने आसपास के गांव के सभी श्रीमंत लोगों को और सिर्फ ऐसे रिश्तेदारों को जो पैसे वाले थे बुलाया था।

वहीं पास के गांव में साहूकार की खुद की सगी बहन भी रहती थी, परन्तु इन दिनों उसकी बहन की आर्थिक परिस्थिति कुछ अच्छी नहीं थी इसलिए उसने अपनी सगी बहन तक को इस कार्यक्रम के लिए नहीं बुलाया था।

उस साहूकार ने जिस कार्यक्रम का आयोजन किया था वह इतना भव्य था कि इस कार्यक्रम की चर्चाएं आस पास के हर गांव में होने लगी थी। और इसके अलावा उस कार्यक्रम में इतने प्रसिद्ध और श्रीमंत लोग आने वाले थे कि यह खबर उस साहूकार की बहन तक भी पहुंच गई।

बहन को जब यह पता चला कि उसके भाई को आखिरकार संतान सुख प्राप्त हुआ तो उसे बहुत ख़ुशी हुई। बहन ने सोचा की शायद भाई गलती से उसे इस बारे में बताना भूल गया होगा और अपनों को भला कोई न्योता देता हैक्या ? भोली बहन ने अपने भाई के यहां उस कार्यक्रम में जाने की तैयारियां शुरू कर दी।

जिस दिन वह कार्यक्रम था उस दिन बहन सुबह सुबह ही अपने भाई के घर जाने के लिए निकल पड़ी। रास्ते में अपने पुराने मैले कपड़े देख उसे खयाल आया की अगर किसी और के घर जाना होता तो मैं ऐसे कपड़ों में जाने की सोचती भी नही लेकिन मैं तो मेरे अपने घर, मेरे मायके जा रही हूं वहां मुझे ये सब सोचने की कोई जरूरत नहीं है। भाई को तो बस ख़ुशी होगी कि बहाना आई है।

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जैसे ही वह अपने मायके पहुंची वहां का भव्य आयोजन देखकर वह बहुत ही खुश हो गई और उसे अपने भाई पर बहुत गर्व हो रहा था।

वहां पर वह जल्दी से जल्दी अपने भाई को मिलकर उसकी खुशी में शामिल होना चाहती थी। वह तुरंत सीडिया चढ़कर घर के अंदर प्रवेश कर गई। उसने देखा कि उसका भाई मेहमान के तौर पर आए सभी धनाढ्य , अमीर और नामी गिरामी लोगों का स्वागत करने में व्यस्त है।

बहन जैसे ही अपने भाई की तरफ उससे मिलने के लिए बढ़ी उसके भाई की नजरें उस पर पड़ गई और अपनी बहन को ऐसे मैले पुराने कपड़ों में देखकर भाई ने उससे मिलना तो दूर बल्कि तुरंत ही बहाना बनाकर वहां से निकल गया।

बहन ने सोचा इतने लोगों में बेचारा अकेला भाई क्या क्या करें जरूर उसे कुछ काम याद आया होगा इसलिए वहां से चला गया होगा!

बहन बाद में अपनी भाभी से मिलने गई। भाभी ने उसका स्वागत किया और उसे खाना खाने के लिए आग्रह किया। बहन ने सोचा ठीक है पहले खाना खा लेती हूं फिर बाद में आराम से भाई से मिल लूंगी। बहन खाना खाने के लिए पंगत में बैठी।

साहूकार भाई ने देखा कि अपने सभी धनवान मेहमानों के बीच उसकी गरीब बहन बैठी हुई। सभी कीमती पोशाक पहने लोगों के बीच उसकी बहन जो पुराने मेले कपड़े पहन कर बैठी थी यह साहूकार से देखा नहीं गया। उसने अपनी बहन को अपने पास बुलवाया, भला बुरा सुनाया और वहां से जाने के लिए बोला।

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दिल को छू लेने वाली कहानी

बहन ने अपने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके साथ कभी ऐसा व्यवहार भी हो सकता है और वह भी उसके खुद के मायके में! अपना अपमान होने के बाद बहन तुरंत अपने घर ससुराल जाने के लिए चल पड़ी।

बहन इस बात को पचा ही नहीं पा रही थी की उसके अपने भाई ने उसके साथ इतना बुरा व्यवहार किया। उसकी आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे। रास्ते में उसे अपनी पुरानी दोस्त मिली। उस दोस्त ने उसे रोने का कारण पूछा। हालांकि बहन दोस्त को कुछ भी नहीं बताना चाहती थी लेकिन दोस्त के बार बार पूछने पर उसने उसके साथ हुई सारी घटना उसे बता दी।

उसकी दोस्त एक समझदार महिला थी और काफी प्रैक्टिकल सोचने वाली थी। उसने कहा अगर तुम मेरी बात मानो तो 1 दिन तुम्हारा भाई खुद तुम्हें अपने यहां बुलायेगा और तुमसे माफी मांगेगा।

बहन ने उसे कहा कि मैं तुम्हारी हर बात मानूंगी बताओ मुझे क्या करना होगा? दोस्त ने कहा कि तुम इस अपमान को इस दुख को एक दिशा दे दो और कोई गृह उद्योग शुरू कर दो, उसमें इतनी मेहनत करो की उस काम मैं तुमसे अच्छा कोई भी ना हो।

बहन को अपने दोस्त की बात सही लगी। उसने घर पहुंच कर अपने आंसू पोंछ कर उसी दिन से एक गृहुद्यहोग शुरू किया। उसने दिन रात मेहनत की, अपने साथ कई और गांव की महिलाओं को जोड़ा और देखते ही देखते उसका गृह उद्योग चल पड़ा। कुछ ही सालों में आसपास के 50 गांव में उसका नाम और रुतबा काफी बढ़ गया और अब वह पैसों के मामले में अपने भाई से भी ज्यादा बड़ी बन गई।

भाई को भी जब यह पता चला कि उसकी बहन इतनी श्रीमंत हो गई है तो उसने सोचा कि एक बार उससे मिल कर आया जाए। वह जब अपने बहन को उसके घर मिलने पहुंचा तो बहन ने उसका किसी राजा महाराजा की तरह स्वागत किया! उसके पसंद का खाना खिलाया। बहन का ऐसा व्यवहार देखकर भाई को अपनी पिछली गलती का एहसास हुआ इसलिए उसने अपनी बहन को अपने घर होने वाली पूजा के लिए आमंत्रित किया।

कुछ ही दिनों बाद बहन अपने भाई के यहां उस पूजा के लिए पहुंच गई। जैसे ही बहन अपने भाई के घर पहुंची उसका भाई उसके स्वागत के लिए दरवाजे में ही खड़ा था। बहन अपने महंगी गाड़ी में आई थी उसने बहुत कीमती साड़ी और उससे भी ज्यादा कीमती गहने दागिने पहन रखे थे। बहन का ऐसा ठाठ बाट देख कर सिर्फ भाई नहीं बल्कि उसका पूरा गांव दंग रह गया।

कहानी : मतलब का रिश्ता, दिल को छूनेवाली कहानी | Heart touching story in Hindi

भाई दौड़ कर आया और बहन की गाड़ी का दरवाजा खोलकर उसे बाहर आने के लिए कहा और बड़े प्यार से उसे पूजा का प्रसाद ग्रहण करने के लिए बुलाया।

बहन को इस बार 12 पकवान परोसे गए थे चांदी की थाली में उसे खाना दिया गया था वह साथ में एक सोने की चम्मच भी रखी गई थी उसके बैठने के लिए बेशकीमती पाट रखा गया था। बहन को यह सब देखकर उसके वह पुराने दिन याद आ गए जब भाई ने उसे बिना खाना खिलाई ही भला बुरा कह कर वापस लौटा दिया था।

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बहन खाना खाने के लिए तो नहीं बैठी लेकिन उसने अपने सारे कीमती दाग दागिने और जेवर उतारकर उस थाली के सामने रख दिए और खाने में से कुछ निवाले उन दाग दागिना पर रख दिए। बहन का ऐसा व्यवहार देखकर सभी हैरान थे किसी को नहीं समझ में आ रहा था कि बहन ऐसा क्यों कर रही है आखिर वह क्यों उन जेवरों को खाना खिला रही है?

जब सभी ने उससे पूछा कि वह क्यों ऐसा कर रही है तब बहन ने सबके सामने बताया कि आज जो उसका इतना मान सम्मान हो रहा है वह दरअसल उसका नहीं उसके इन्ही कीमती दाग दागिनो और कपड़ों का हो रहा है। क्योंकि मैं तो अभी भी वही पुरानी साहूकार की बहन ही हूं अगर कुछ बदला है तो वह मेरी परिस्थिति है। मेरे कपड़े और गहने है।

भाई ने अपनी गलती का एहसास होने पर इस बार अपनी बहन के पैर पकड़ कर माफी मांगी। बहन जो पहले भी अपने भाई से निस्वार्थ प्रेम करती थी उसने अपने भाई को माफ कर दिया और उसे गले से लगा लिया।

दोस्तों, पैसे सिर्फ हमारे जीवन को सरल बनाने के लिए है जबकि रिश्ते जीवन में मिले किसी वरदान की तरह है अगर उन्हें सच्चे मन से और निस्वार्थ भाव से निभाए जाए! पैसे खर्च हो जाए तो आप बाद में भी कमा सकते है मगर रिश्ते खर्च हो जाए (टूट जाए) तो दुनिया का सारा धन भी आपको उन्हे वापस नहीं दिला सकता। दिल को छू लेने वाली कहानी.

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दिल को छू लेने वाली कहानी

मित्रों, आशा करता हू ‘मतलब का रिश्ता.. दिल छूनेवाली कहानी | Heart touching story ‘ आपके भी दिल को छूने में कामयाब रही होगी।

पूरी कहानी पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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