बाप बेटे की रुलाने वाली कहानी, रुला देने वाली कहानी|Emotional Hindi story

Last Updated on December 6, 2023 by Manu Bhai

Emotional Hindi story : राजीव एक कॉलेज में पढाई करता था, उसने एक कार के शोरूम में एक सुंदर स्पोर्ट्स कार देखी थी और वो लंबे समय से अपने लिए एक ऐसी ही कार लेना चाहता था। राजीव जानता था कि उसके माता-पिता इसे खरीदने के लिए सक्षम हैं, इसीलिए उसने उन्हें बताया कि उसे ये कार अपने ग्रेजुएशन कंप्लीट होने पर गिफ्ट के रूप में दे।

देखते ही देखते वो दिन भी आ गया और पिता ने राजीव को अपने निजी कार्यालय में बुलाया, उन्होंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारे जैसे अच्छे बेटे पर बहुत गर्व है, उन्होंने राजीव बताया कि वह उससे कितना प्यार करता है और उसे एक प्यारा रैपर से लिपटा हुआ उपहार दिया, राजीव उस छोटे से गिफ्ट के डब्बे को देख निराशा महसूस करने लगा, लेकिन वह जानने के लिए उत्सुक था कि ऐसा क्या था उस बॉक्स में इसलिए उसने बॉक्स तुरंत खोला और उसमे एक लाल कपडे से लिपटी भगवद गीता देखी!

बाप बेटे की रुलाने वाली कहानी

Father-Son Emotional Hindi story

राजीवने कहा ‘आप इतने अमीर हैं और आप मुझे केवल एक भगवत गीता दे रहे हैं….
काफी गुस्से से अपने पिता पर वो चिल्लाया और अपनी नाराज़गी और गुस्से के कारण उसने उसी वक्त न आव देखा ना ताव तुरंत घर छोड़ कर चला गया।

समय बीतता गाय , काफी साल बीत गए राजीव अब एक सफल व्यवसायी बन चूका था वह अपने जीवन में काफी खुश था, उसकी शादी भी हो चुकी थी और उसके दो बच्चे थे, उनका परिवार एक सुंदर घर में रहता था, लेकिन उसके पिता के साथ टूटे रिश्तों के कारण उसकी आत्मा अभी भी आहत थी, राजीव अपने पिता का घर छोड़ने के बाद कभी उनसे मिलने नहीं आया था।

राजीव को उस दिन के बाद अपने पिता को ना मिलने का पछतावा हमेशा रहने वाला था, क्योंकि एक दिन उसे एक चिट्ठी मिली जिसमें उसके पिता के निधन की खबर थी और साथ ही ये बताया गया था कि उन्होंने अपने जीवन भर की पूंजी वसीयतनामा के अनुसार अब राजीव के नाम कर गए थे। अपने पिता की सारी संपत्ति विरासत में मिली तब राजीव अपने पिता के घर पहुंचा और कुछ महत्वपूर्ण कागज की तलाश करने लगा और गलती से उसे वहीं भगवद गीता का उपहार लिपटा हुआ मिला जिसे देख उसे फिर उसी उदासी का अहसास हुआ।

Baap Bete Ki Emotional Hindi story

रुला देने वाली कहानी …

उस गीता को उसने अच्छे से देखा तो उसपर अपने पिता की हैंडराइटिंग में कुछ लिखा पाया ..

उस पर लिखा था, कुछ कवितानुमा सा लिखा था।

” बेटा मैं खुदको बेचकर भी तुम्हारा हर सपना पूरा करूँगा। बस तू सपने जरा बड़े देखना बेटे…..

ये बोल रहा तेरा बाप नहीं, बल्कि जिंदगी का सबसे पहला दोस्त तेरा।”

राजीव ने ये कविता पढ़ी ही थी कि अचानक उस किताब से

एक चाबी गिरी …. और वह एक कार की चाबी थी , जिसके
ऊपर लगे टैग पर उसके ग्रेजुएट होने की तारीख के साथ कांग्रेचुलेशन और i love you लिखा हुआ था।

राजीव के सर के ऊपर से उसके पिता का साया तो पहले ही उठ चुका था।

और आज उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती के बारे में जानकर उसके पैरो के नीचे से जमीन भी खिसक गई, इस दिन राजीव की आंखे और आत्मा दोनों पछतावे के आसू में सराबोर हो गयी।

शिक्षा : Emotional Hindi stories

इसलिए इस कहानी से सिख लेना चाहिए कि कभी भी जीवन में अतिउत्साही और अति निराश नहीं होना चाहिए और जल्दबाजी में कभी भी किसी प्रकार का निर्णय बिना सोचे समझे नहीं लेना चाहिए।

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