Last Updated on April 14, 2023 by Manoranjan Pandey
स्वामी विवेकानंद जयंती 2024
स्वामी विवेकानंद जयंती को भारत में हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद की 156 वीं जयंती के अवसर पर, आइए उनके कुछ प्रेरणादायक उद्धरणों पर एक नज़र डालते हैं जो आपके जीवन को देखने के तरीके को बदल सकते हैं।
आज पूरा देश स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती मना रहा है।आपको बताते चले कि युवा सन्यासी और आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे जिनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति में डूबा हुआ था। वे जितना ईश्वर में विश्वास करते थे उतना ही वे दीनहीनों एवं गरीबों की सेवा करना सच्ची ईश्वर पूजा मानते थे।
भारत के सबसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरूओं में से एक, स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में नरेन्द्र नाथ दत्त के रूप में हुआ था। 1887 में उन्होंने रामकृष्ण परमहंस के अन्य शिष्यों के साथ संन्यास की औपचारिक प्रतिज्ञा ली और सांसारिक सुखों का त्याग कर दिया।
पश्चिमी दर्शन यानि western philosophy और इतिहास में एक विशेष रुचि के साथ, अपनी शुरूआती दिनों में वे अक्सर भगवान के अस्तित्व के बारे में संदेह किया करते थे।

अपने भाषणों, Speech और व्याख्यानों के माध्यम से, विवेकानंद ने लोगों में धार्मिक चेतना जगाने की कोशिश की और व्यावहारिक वेदांत के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए दलितों के उत्थान की भी कोशिश की।अपने संदेश को व्यापक श्रोताओं तक ले जाने के लिए, विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में भी भाग लिया। वहाँ के प्रतिष्ठित भाषण, जो सार्वभौमिक स्वीकृति, सहिष्णुता और धर्म जैसे विषयों को छूते थे, ने उन्हें संसद में स्थायी रूप से मान्यता दी।
तो उनके जन्मदिन पर, आइये स्वामी विवेकानंद जयंती पर कुछ प्रेरणादायक Inspirational, messages and quotes को जानते हैं.
“उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाय “
“एक समय आता है , जब मनुष्य ये अनुभव करता है कि थोड़ी – सी मनुष्य की सेवा करना लाखों जप-ध्यान से कहीं बढ़कर है”
“उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.”
Swami Vivekanand Jayanti
“अगर आप किसी कि मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं, अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे बढ़ने दीजिये.”
” विश्व एक व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं. “

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Sir ji Aapka bahut bahut dhanywad ki aapne Vivekananda ke bare me post likha. I love reading it.
Keep it up.