सम्पूर्ण श्री हनुमान चालीसा पाठ | Sampurn Hanuman Chalisa in Hindi

Last Updated on September 6, 2023 by Manu Bhai

Sampurn Hanuman Chalisa in Hindi: भक्त जनो जैसा कि आपको मालूम है कि श्री राम भक्त हनुमान जी सभी कष्टों को हरने वाले देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि कलियुग में एक मात्र हनुमान जी ही ऐसे देव हैं जो जीवित हैं और अपने भक्तो के कष्ट को तुरंत ही दूर कर देते हैं। हनुमान चालीसा श्री तुलसीदास द्वारा कृत अवधी भाषा में लिखी एक लघु काव्य है।

हनुमान चालीसा में श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी के महान कार्यो एवं उनके गुणों का चौपाइयों में वर्णन किया गया है। हनुमान चालीसा एक बहुत ही छोटी या कहें की एक लघु रचना है, जिसके माध्यम से श्री हनुमान जी की स्तुति की गयी है, साथ ही बजरंगबली हनुमान एवं भगवान् श्री राम के मधुर सम्बन्धो को भी दर्शाया गया है। हनुमान चालीसा के माध्यम से तुलसी दास जी ने भगवान् राम के व्यक्तित्व को बड़े ही सरल शब्दों में उकेरा है।

इस लेख में हमलोग सम्पूर्ण हनुमान चालीसा का पाठ लिखा है जिसे आप हर रोज यहां पढ़ सकते है, जैसे कि हनुमान चालीसा में लिखा गया है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है उस पर हनुमान जी के साथ साथ भगवान् श्री राम और भगवान शिव एवं माता पार्वती जी की भी कृपा बानी रहती है।

Hanuman Chalisa In Hindi / हनुमान चालीसा

आपको समझाने के लिए राम चरित मानस की यह चौपाई बिलकुल सटीक है

“जा पर कृपा राम की होई। ता पर कृपा करहिं सब कोई॥
जिनके कपट,दम्भ नहिं माया। तिनके ह्रदय बसहु रघुराया”॥

अर्थात जिनपर रामजी की कृपा हो जाती है उस पर तो सभी की कृपा होती है, एवं उन्हें किसी प्रकार की कोई सांसारिक दुःख छू तक नहीं सकता है। इसलिए राम जी की कृपा पाने के लिए पहले आपको हनुमान जी को प्रशन्न एवं उनकी कृपा पानी होगी। तो हनुमानजी के साथ श्री रामजी की कृपा पाने के लिए आपलोग प्रतिदिन विशेषकर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें। जय श्री राम , जय हनुमान ।

सम्पूर्ण श्री हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa In Hindi

हनुमान चालीसा में कूल चालीस 40 पंक्तियाँ यानी चौपाइयां हैं जिसे पढ़कर भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करते हैं। एक चौपाई 4 लाइनों की होती हैं। इन्हीं चालीस चौपाइयों के कारण इसे चालीसा कहते हैं। इन चौपाइयों की रचना श्री तुलसीदास जी ने की थी, जो की बहुत ही शक्तिशाली मानी जाती हैं। वैसे तो विश्व भर में जहाँ भी श्रीराम और हनुमान भक्त हैं हनुमान चालीसा बहुत ही लोकप्रिय है परन्तु उत्तर भारत में यह विशेष रूप से प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय है।

हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa in Hindi

Hanuman chalisa Hindi Lyrics

Hanuman-Chalisa-in-Hindi

हनुमान चालीसा “दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुर सुधार ।

वर्णौ रघुवर विमल यश जो दायक फल चार ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार ।

बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु क्लेश विकार ।।

Hanuman Chalisa / हनुमान चालीसा चौपाई

Hanuman Chalisa Chaupai

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥१॥


महाबीर विक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा ॥२॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे
शंकर स्वयं केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन ॥३॥

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया ॥४॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे ॥५॥

लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई ॥६॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा ॥७॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥८॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू ॥९॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥१०॥

राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डरना ॥११॥

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक ते काँपै
भूत पिशाच निकट नहि आवै
महाबीर जब नाम सुनावै ॥१२॥

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट से हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ॥१३॥

सब पर राम राई सिर ताजा
तिनके काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोइ अमित जीवन फल पावै ॥१४॥

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे ॥१५॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सादर होई रघुपति के दासा ॥१६॥

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै
अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥१७॥

और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥१८॥

जै जै जै हनुमान गोसाई
कृपा करहु गुरु देव की नाई
यह सत बार पाठ कर जोई
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥१९॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥२०॥

।। दोहा ।।

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

श्री हनुमान चालीसा का प्रतिदिन या प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को मन लगाकर श्रद्धा से पाठ करने से चमत्कारी व अद्वित्य लाभ मिलते हैं। मंगल, शनि और पितृ दोषों से मुक्ति के लिए भी श्री हनुमान चालीसा का नियमित पाठ लाभकारी है. Jay Shri Ram

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‘जुग सहस्त्र योजन पर भानू। लिल्यो ताहि मधुर फल जानू अर्थ

जिसका मतलब है की एक युग यानी की 12000, एक सहस्त्र यानी १००० और, एक योजन यानी की आठ मील। एवं एक मील में 1.6 किमी होते हैं। अगर इन सभी आंकड़ों का गुणा करें, तो कुल संख्या नौ करोड़ 60 लाख मील आते हैं। और इसे किमी में बनाने के लिए 1.6 का गुणा करने पर एक अरब 53 करोड़ 60 लाख किमी बनते हैं।

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FAQs (Frequently Asked Questions) Hanuman Chalisa


हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए?

हनुमान चालीसा के पाठ में एक चौपाई आती है ”जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महासुख होई” अर्थात जो व्यक्ति हनुमान चालीसा की काम से काम 7 बार पाठ करता है उसको कई मुसीबतो से छुटकारा मिलता है साथ ही उसे महा सुख की प्राप्ति होती है। आप हनुमान चालीसा का रोज ७ बार या, ११ बार अथवा 108 बार पाठ कर सकते है। शास्त्रों में यह भी यही बताया गया है कि प्रतिदिन सौ या एक सौ आठ बार पाठ करने से कई प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं, यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम 7 बार पाठ जरूर करें.

हनुमान चालीसा का मंत्र क्या है?

शास्त्रों में बताया गया है की जो व्यक्ति इस मंत्र से हनुमान जी की आराधना करता है उसके सभी दोष, कष्ट, रोग और शत्रुओं का नाश हो जाता है।आप भी इसे कंठस्त कर लें।

श्री हनुमान जी का मूल मंत्र:- Hanuman Mantra: ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।

100 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होता है?

हनुमान चालीसा पढ़ते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

हनुमान चालीसा कब नहीं पढ़ना चाहिए?

हनुमान जी खुश होने पर क्या संकेत देते हैं?

हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?

हनुमान चालीसा रात को कितने बजे करना चाहिए?

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