Last Updated on December 6, 2023 by Manu Bhai
माँ :ईश्वर का भेजा सबसे बड़ा देवदूत Mother’s Day Stories in Hindi
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माँ, वास्तव में वह शब्द है जो अपने आप में पूर्णता को दर्शाता है। दुनिया में चाहे हम कितने भी रिश्तों से बंधे हों, परन्तु हमारे जीवन को माँ के बिना पूर्णता नहीं मिलती। हर रिश्ता हमें आपसे कुछ पाने की आशा रखता है, लेकिन माँ के बीच एक ऐसा रिश्ता है जहाँ माँ केवल देना ही जानती है। माँ भूखी सो सकती है, लेकिन कभी भी अपने बच्चे को भूखे पेट सोने का सपना तक नहीं देखना चाहती। माँ हमेशा अपने बच्चों के कल्याण की सोचती है, वह चिंतित होती है कि उनके बच्चे कैसे आगे बढ़ेंगे और दुनिया में नाम करें।
“एक मां ही तो है जो सबके चले जाने के बाद भी साथ खड़ी मिलती है,
Maa, Maa, माँ
हमारे गमों में संग रोती और खुशियों में बसंत के फूलों सी खिलती है।
वैसे तो रब का रूप है मां, पर अपने आप में ही ममत्व, शीतलता और सादगी का स्वरूप है मां।’
माँ की कहानी – कैसी होती है माँ ?
कुछ समय पहले की बात है, पृथ्वी पर एक बच्चा जन्म लेने वाला था। अपने जन्म से कुछ क्षण पहले उस बच्चे ने भगवान् से पूछा : ” हे भगवान् मैं इतना छोटा हूँ, खुद से कुछ कर भी नहीं पाता, भला उस धरती पर मैं कैसे रहूँगा, कृपया मुझे अपने पास ही रहने दीजिये, मैं कहीं नहीं जाना चाहता हूँ भगवान्। ”
भगवान् बोले, ” बच्चे मेरे पास बहुत से देवदूत हैं, फ़रिश्ते हैं, मैंने उन्ही में से एक तुम्हारे लिए चुन लिया है, वो तुम्हारा बहुत अच्छे से ध्यान रखेगा. “
बच्चे ने कहा “पर भगवान मुझे बताइए, यहाँ स्वर्ग में मैं कुछ नहीं करता बस गाता और मुस्कुराता हूँ, मेरे लिए खुश रहने के लिए इतना ही बहुत है.”
तब भगवन बोले ” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हारे लिए गायेगा और हर रोज़ तुम्हारे लिए मुस्कुराएगा भी, और तुम उसका प्रेम महसूस करोगे और खुश रहोगे.”
बच्चे ने कहा ” और जब वहां लोग मुझसे बात करेंगे तो मैं समझूंगा कैसे, मुझे तो उनकी भाषा नहीं आती ?”
भगवान बोले ” तुम्हारा देवदूत तुमसे सबसे मधुर और प्यारे शब्दों में बात करेगा, ऐसे शब्द जो तुमने यहाँ भी नहीं सुने होंगे, और बड़े धैर्य और सावधानी के साथ तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे बोलना भी सीखाएगा .”
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” और जब मुझे आपसे बात करनी हो तो मैं क्या करूँगा भगवान ?”
भगवान बोले ” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करना सीखाएगा, और इस तरह तुम मुझसे बात कर सकोगे.”
बच्चे ने कहा “मैंने सुना है कि धरती पर बुरे लोग भी होते हैं, उनसे मुझे कौन बचाएगा प्रभु ?”
भगवान बोले ” तुम्हारा देवदूत / फ़रिश्ता तुम्हे उनसे बचाएगा, भले ही उसकी अपनी जान पर खतरा क्यों ना आ जाये.”
बच्चे ने कहा “लेकिन मैं हमेशा दुखी रहूँगा क्योंकि मैं आपको नहीं देख पाऊंगा.”
भगवन बोले ” तुम इसकी चिंता मत करो ; तुम्हारा देवदूत हमेशा तुमसे मेरे बारे में बात करेगा और तुम वापस मेरे पास कैसे आ सकते हो ये सब तुम्हे बतायेगा.”
उस वक़्त स्वर्ग में बहुत शांति थी, पर पृथ्वी से किसी के कराहने की आवाज़ आ रही थी….बच्चा समझ गया कि अब उसे जाना है, और उसने रोते-रोते भगवान् से पूछा,” हे ईश्वर, अब तो मैं जाने वाला हूँ, कृपया मुझे उस देवदूत या फ़रिश्ते का नाम बता दीजिये ?’
भगवान् बोले, ” उस देवदूत या फ़रिश्ते के नाम का कोई महत्त्व नहीं है, बस इतना जानो कि तुम उसे “माँ” कह कर के पुकारोगे .” जिस लोक में तुम जा रहे हो उस पृथ्वी लोक पर माँ से बढ़कर कोई नहीं है…. भगवान भी नहीं !
दोस्तों यह छोटी सी सी कहानी भगवान और बच्चे के वार्तालाप के रूप में उन सभी माताओं को समर्पित है जिनके हम संतान हैं।
माँ माँ माँ माँ माँ बस माँ
—— Dedicate this story to your beloved mother on Mother’s Day ————–
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