प्रेम पर कविता 2023, प्यार पर हिंदी कविता | Love Poem In Hindi Language

Last Updated on August 7, 2023 by Manu Bhai

प्रेम पर कविता 2023 | हिंदी भाषा में प्रेम कविता: प्रेम या प्यार एक अद्भुत अनुभव है, जो दिल के भावों से जुड़ा होता है। यह एक गहरा रिश्ता है जो हमें संयुक्त रूप से जीने की भावना देता है। प्रेम कोई भावना नहीं है, प्रेम आपका अस्तित्व है। हर व्यक्ति के परे प्रेम विद्यमान है। व्यक्तित्व निरंतर बदलता रहता है। शरीर, मन और व्यवहार हमेशा बदलते रहते हैं। हर व्यक्तित्व से परे, अविनाशी प्रेम मौजूद है; वह प्रेम आप हैं। इसकी सच्ची अवस्था अविचलित होती है। स्नेह, प्रेम, प्यार या मुहब्बत को व्यक्त करने के बहुत सारे तरीके हो सकते हैं। इसे कविता, शायरी, गीत या गजल के रूप में भी व्यक्त या जाहिर किया जा सकता है।

प्यार किसी भी समय, किसी भी स्थान और किसी भी व्यक्ति या वस्तु के साथ हो सकता है। कई बार यह हमारे जीवन को बदल देता है और कभी-कभी हमारे जीवन को विरळ भी बना देता है। दुनिया में हर कोई अपने प्रिय से प्यार करता है, लेकिन उनके अपने सीमाएं होती हैं। सच्चा प्यार उन सभी सीमाओं और मर्यादाओं को पार करके प्रकट होता है।

Prem kavita, Love Poem In Hindi Language

Table of Contents

प्रेम पर कविता / Love Poem in Hindi

दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके लिए १० से ज्यादा पवित्र सच्चे प्रेम मिलन / ईश्वर प्रेम / प्रेम का अहसास/ मानव प्रेम/ प्रेम विरह पर कविता (Real True Love Ishq Hindi Poems) को लाये हैं। इन कविताओं को पढ़ने के पश्चात आपका निश्चय ही प्रेम के प्रति सोचने के नजरिये में बदलाव आएगा। आशा करते है आपको ये हमारा प्रयास पसंद आएगा।

प्रेम पर कविता 2023 / प्यार पर हिंदी कविता

प्रेम एक अहसास है

प्रेम एक अहसास है, जो दिल के करीब होता है,
जीवन के रंगों में उमंग भरता है।

निजी जुड़ाव की भावना, जो जगती है साथ,
सच्चे प्रेम की आभा जगमगाती है रात।

प्यार कहीं भी, किसी भी समय, किसी भी व्यक्ति या चीज़ से जुड़ सकता हैं,
जीवन को बदलकर रख देता हैं यह अच्छे या बुरे रास्ते पर चलता हैं।

दुनिया में प्रेम को हर कोई महसूस करता हैं,
पर कभी-कभी सीमाओं ने उसे जकड़ लिया होता हैं।

सच्चा प्रेम वह होता हैं, जो हदों को पार कर जाता हैं,
अनमोल रिश्तों को जीवंत बनाता हैं, प्यार को सर्वोच्च स्थान दिलाता हैं।

यही हैं प्रेम की कहानी, जो हमेशा रहेगी बाकी,
प्रेम के गहरायी में खो जाओ, और इसे हमेशा संगीत की तरह सुनो,
इस दिल को छूने वाली कविता के रूप में इसे गुनगुनाओ।

इस प्रेम की उगंध, सबके दिलों में बहकर जाएगी,
प्यार के रंगों में सबको रंग लाएगी।

चलो, प्रेम की वादियों में खो जाएँ,
प्यार की गाथा को आगे बढ़ाएँ।

मनु मनोरंजन

प्रेम पर कविता / Love Poem in Hindi

प्रेम -एक एहसास

प्रेम तो सिर्फ एक एहसास है,
बस खूबसूरत सा लिबास है,
इस लिबास के लिए हर कोई बेताब है,
पर किस्मत के धनी के पास ही यह किताब है।

इस प्रेम के अनगिनत नाम है,
हीर-राँझा,लैला-मंजनू, शीरिन और फरहाद हैं,
जो अपने प्यार की कुर्बानियों के लिए विख्यात हैं,
इन सच्ची कथाओं ने फैलाया प्यार का प्रकाश हैं,
यह तो बस इक मीठी सी प्यास हैं,
प्रेम तो सिर्फ एक एहसास है।

प्रेम रिश्तों के परे हैं,
बड़ी मजबूत इसकी जड़े हैं,
छुप नहीं सकता है यह,
हर इंसान की गड़ी नज़रें है,
जानवरों को भी इस प्रेम का आभास हैं,
प्रेम तो सिर्फ एक एहसास है।

आज के युग में यह कहीं खो गया है,
हमसे शायद बहुत दूर हो गया है,
गन्दी वासना के चक्रव्यूह में चूर-चूर हो गया हैं,
इस कलियुग में अभी भी इक आस है,
सच्ची आत्माओं को प्रेम पर पूर्णतया विश्वास हैं,
यह दुनिया होगी फिर से खूबसूरत,
यही हम सबकी अभिलाष है,
प्रेम तो सिर्फ एक एहसास है।

डॉ. दीप्ती कपूर शर्मा

प्रेम का अनमोल सौंदर्य

जगत की एक अद्वितीय खोज,
पवित्र सच्चे प्रेम की दास्तान।
ईश्वर का प्रेम, मानवता का सागर,
हर दिल को छू लेने वाला अभिनव अनुभव।

प्रेम की कविताएँ उजियारों की तरह,
आत्मा को प्यार की गहराई में डूबाती हैं।
हर शब्द आपको प्रेम के समीप ले जाएगा,
भावनाओं के सुर सुनाकर हर्षित करेगा।

ईश्वर प्रेम का अद्भुत स्वरूप,
जो हमारे जीवन को शोभायेगा।
मानव प्रेम की झलकें आपको दिखाएंगी,
सबको साथ लाएंगी और भरपूर प्यार दिखाएंगी।

प्रेम विरह की गहराई में बहती कविता,
दर्द और अलगाव के आवाज़ बनाती हैं।
इस कविता के संगीत से जीवन को भरें,
प्रेम के समुद्र में हमेशा खो जाएं।

पठने से प्रेम की बातों में बदलाव होगा,
जगत को आपसे बेहतर संवेदनशील बनाएगा।
सच्चे प्रेम की मिशाल बनेंगी आप,
अद्वितीय प्यार के अनमोल सौंदर्य के साक्षात्कार का समय आपको मिलेगा।

मनु मनोरंजन

प्यार लुटाएँ

अनपढ़ रहकर बदल गई है
जिनकी जीवन शैली
ढूंढ रहे है कचरें में
पालीथिन की थैली
आओ उन्हें पढ़ाएं हम

झूठे बर्तन माँज रहे हैं
जिनके कोमल हाथ
जिन्हें नहीं मिल पाया अब तक
पढ़े लिखों का साथ
उनको गले लगाएं हम

जिन्हें नहीं है खबर आज भी
प्यार किसे कहते हैं
भाग्य भरोसे ही रहकर जो
भूख प्यास सहते हैं
उन पर प्यार लुटाएँ हम|

I Love You Poem In Hindi / प्रेम पर कविता


“सोच़ता हू, के़ क़मी रह़ ग़ई शाय़द कुछ़ या
जित़ना था वो का़फी ना़ था,
नही सम़झ पाया तो सम़झा दि़या हो़ता
या जित़ना सम़झ पा़या वो का़फी ना था,
शिकाय़त थी तु़म्हारी के़ तुम़ ज़ताते ऩही
प्यार है तो क़भी ज़माने को ब़ताते क्यों ऩही,
अ़रे मुह्हबत की क्या़ मै़ नु़माईश क़रता
मे़रे आँखों मे जित़ना तु़म्हें ऩजर आ़या,
क्या़ वो का़फी नही था I
सोच़ता हू के क्या क़मी ऱह ग़ई,
क्या जित़ना था वो का़फी ऩही था I


सच्चे प्यार पर कविता – रोमांटिक सच्चा प्रेम कविता –

Poem For Love In Hindi / प्रेम पर कविता


मुझे अ़पनी जान ब़ना लो
अ़पना अ़हसास ब़ना लो
सीने़ से ल़गा लो आ़ज
मु़झे अ़पनी रात़ ब़ना लो आज़ मु़झे अ़पना अ़ल्फाज़ ब़ना लो
अ़पने दि़ल की आवाज़ ब़ना लो
ब़सा लो अ़पनी आँखों में
मुझे अ़पना ख़्वाब़ ब़ना लो। मु़झे छुपा़ लो सा़री दु़निया से
अ़पने ए़क ग़हरा राज़ ब़ना लो
आज़ ब़न जा़ओ मे़री मोह़ब्बत
ओऱ मु़झे अ़पना प्यार ब़ना लो !

प्रेम पर कविता
Poem Of Love In Hindi


मु़झे अ़पने ह़र द़र्द का़ हम़द़र्द ब़ना लो,
दिल़ मे ऩही तो ख्या़लो मे बै़ठा लो,
सप़नों मे नही तो आ़खों में स़जा लो,
अप़ना एक़ सच्चा अहसास ब़ना लो।।

मु़झे कुछ़ इ़स त़रह से़ अ़पना लो,
कि अ़प़ने दिल की धड़कन ब़ना लो,
मु़झे छु़पा लो़ सा़री दु़निया ऐ़से,
कि अ़पना एक़ गह़रा राज़ ब़ना लो ।।

क़रो मुझ़से मोह़ब्बत इ़तनी,
अ़पनी ह़र एक़ चाह़त का अजाम़ ब़ना लो,
ढ़क लो मु़झे अ़पनी जुल्फों इ़स त़रह,
कि़ मुझे अ़पना संसाऱ ब़ना लो ।।

आप़ फूल ब़न जाओ़ मु़झे भंव़रा ब़ना लो,
आप़ चांदनी ब़न जा़ओ मुझे़ चाँद ब़ना लो,
ऱख दो अ़पना हाथ़ मे़रे हा़थो मे इ़स तऱह,
कि़ मुझे अप़ने जीवऩ का हम़सफर ब़ना लो ।
– नरेंद्र वर्मा

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Poem In Hindi On Love / प्रेम पर कविता


क़भी दो़ हमे़ भी़ य़ह मौका़,
सज़दे मे़ ते़रे झुक़ जा़ए ह़म,
लेके़ हा़थ ते़रा हाथो मे़,
प्याऱ की चूड़ियाँ पह़नाए ह़म
कभी़ दो़ हमें भी यह़ मौ़का,

क़भी दो हमे भी़ य़ह मौ़का,
ज़ु़ल्फो की छाँव़ मे रह़ने का़,
ते़रे कानो़ मे गु़फ़्तगू कह़ने का,
क़भी दो ह़मे भी यह़ मौ़का,

क़भी दो ह़मे भी़ यह़ मौका़,
हो़ठो से होठ़ मिला़ने का़,
ते़री बा़हो मे़ सो़ जाने़ का,
रात मे ते़रे ख्वा़बो मे जी़ ले़ने का़,
कभी़ दो़ हमे भी यह़ मौ़का,

क़भी दो हमे़ भी य़ह मौका,
शाम़ के़ एहसास का़,
गह़रे से ज़ज़्बात का,
आँखों मे डूब़ जा़ने का,
क़भी दो हमे भी य़ह मौका,

क़भी दो ह़मे भी य़ह मौका़,
नज़्म मे तुझको दिल दे जाने का,
ग़ज़ल़ मे तेरे गीत गुनगुनाने का,
सुरो़ की ज़िन्दगी में तेरे शामिल़ हो जा़ने का,
कभी दो हमें भी यह मौका,

क़भी दो ह़मे भी य़ह मौका़,
ज़िन्दगी की मुक़म्मल़ता का,
दुल्हन ब़न के तु़म्हारे घर आजा़ने का,
सुहाग की सेज़ प़र हम़को प्यार ज़ताने का,
क़भी दो हमे भी य़ह मौका,

क़भी दो ह़मे भी़ यह़ मौका,
सुबह आँख़ खु़ले तो तेरे़ दीदाऱ का,
बा़हों मे सुल़गते़ से जिस्म का़,
मांग़ मे तेरी सिन्दूर भ़र देने का,
क़भी दो ह़मे भी यह़ मौका,
खुद़ को जाता देने का,
अपना प्यार दिखने का,
कभी दो ह़मे भी य़ह मौ़का


-गौरव

प्रेम पर कविता

प्रेम की गलियाँ

तुम्हें औषध मिले, पीर न मिले
दृष्टि मिले, दृश्य न मिले
नींदें मिलें, स्वप्न न मिले
गीत मिलें, धुन न मिले
नाव मिले, नदी न मिले

प्रिय!

तुम पर प्रेम के हज़ार कोड़े बरसें
तुम्हारी पीठ पर एक नीला निशान तक न मिले

स्रोत :
रचनाकार : बाबुषा कोहली प्रकाशन :

प्रेम में पहाड़

पहाड़ सिर्फ़ नदियों के प्रेमी नहीं
पिता भी होते हैं
पहाड़ों का स्वभाव है पिता होना
मैंने नहीं सोचा कभी
किसी पूर्वज का तारा हो जाना
मैंने माना, वे शायद पहाड़ हो जाते होंगे
पृथ्वी पर सबसे पहले जन्म किसका हुआ?

नदियों का!

पहाड़ों ने सदियों
अपनी कोख में पाला है नदियों को
और कहलाए हैं सबसे पहले माँ
पिता हो जाना
पहाड़ों नें, माँ हो जाने के बाद ही जाना
वे जानते हैं
प्रेमी हो जाना आसान नहीं
इसलिए वे हो जाते हैं तपस्वी
और जटाओं में बाँधते हैं
नदियों की चिंताएँ सारी
पहाड़ सिर्फ़ नदियों के प्रेमी नहीं

…कि उनका मौन

नदियों की कलकल में हमेशा बहता रहता है

स्रोत :
रचनाकार : सौरभ अनंत प्रकाशन

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प्रेम में छलकती हुई नीरज की ये 5 कविताएं

मीलों जहां न पता खुशी का


मैं पीड़ा का राजकुंवर हूं तुम शहज़ादी रूप नगर की
हो भी गया प्यार हम में तो बोलो मिलन कहां पर होगा ?

मीलों जहां न पता खुशी का
मैं उस आंगन का इकलौता,
तुम उस घर की कली जहां नित
होंठ करें गीतों का न्योता,
मेरी उमर अमावस काली और तुम्हारी पूनम गोरी
मिल भी गई राशि अपनी तो बोलो लगन कहां पर होगा ?
मैं पीड़ा का…


बदनामी ने काज निकाले


मेरा कुर्ता सिला दुखों ने
बदनामी ने काज निकाले
तुम जो आंचल ओढ़े उसमें
नभ ने सब तारे जड़ डाले
मैं केवल पानी ही पानी तुम केवल मदिरा ही मदिरा
मिट भी गया भेद तन का तो मन का हवन कहां पर होगा ?
मैं पीड़ा का…

उम्र आंसुओं की बढ़ जाए


मैं जन्मा इसलिए कि थोड़ी
उम्र आंसुओं की बढ़ जाए
तुम आई इस हेतु कि मेंहदी
रोज़ नए कंगन जड़वाए,
तुम उदयाचल, मैं अस्ताचल तुम सुखान्तकी, मैं दुखान्तकी
जुड़ भी गए अंक अपने तो रस-अवतरण कहां पर होगा ?
मैं पीड़ा का…

इतनी भावुक नहीं ज़िन्दगी


इतना दानी नहीं समय जो
हर गमले में फूल खिला दे,
इतनी भावुक नहीं ज़िन्दगी
हर ख़त का उत्तर भिजवा दे,
मिलना अपना सरल नहीं है फिर भी यह सोचा करता हूँ
जब न आदमी प्यार करेगा जाने भुवन कहां पर होगा ?
मैं पीड़ा का…

सारा जग बंजारा होता


सारा जग बंजारा होता…

प्यार अगर थामता न पथ में उंगली इस बीमार उमर की
हर पीड़ा वैश्या बन जाती, हर आंसू आवारा होता।

निरवंशी रहता उजियाला
गोद न भरती किसी किरन की,
और ज़िन्दगी लगती जैसे-
डोली कोई बिना दुल्हन की,
दुख से सब बस्ती कराहती, लपटों में हर फूल झुलसता
करुणा ने जाकर नफ़रत का आंगन गर न बुहारा होता।
प्यार अगर…

प्यार पर हिंदी कविता

सबका होकर भी न किसी का


मन तो मौसम-सा चंचल है
सबका होकर भी न किसी का
अभी सुबह का, अभी शाम का
अभी रुदन का, अभी हंसी का
और इसी भौंरे की ग़लती क्षमा न यदि ममता कर देती
ईश्वर तक अपराधी होता पूरा खेल दुबारा होता।
प्यार अगर…

कहे इसे वह भी पछताए


जीवन क्या है एक बात जो
इतनी सिर्फ समझ में आए-
कहे इसे वह भी पछताए
सुने इसे वह भी पछताए
मगर यही अनबूझ पहेली शिशु-सी सरल सहज बन जाती
अगर तर्क को छोड़ भावना के संग किया गुज़ारा होता।
प्यार अगर…

और व्यर्थ लगती सब गीता


मेघदूत रचती न ज़िन्दगी
वनवासिन होती हर सीता
सुन्दरता कंकड़ी आंख की
और व्यर्थ लगती सब गीता
पण्डित की आज्ञा ठुकराकर, सकल स्वर्ग पर धूल उड़ाकर
अगर आदमी ने न भोग का पूजन-पात्र जुठारा होता।
प्यार अगर…

प्रेम पर कविता

भीतर से लगता पहचाना


जाने कैसा अजब शहर यह
कैसा अजब मुसाफ़िरख़ाना
भीतर से लगता पहचाना
बाहर से दिखता अनजाना
जब भी यहाँ ठहरने आता एक प्रश्न उठता है मन में
कैसा होता विश्व कहीं यदि कोई नहीं किवाड़ा होता।
प्यार अगर…

प्यार सिर्फ़ वह डोर कि जिस पर


हर घर-आंगन रंग मंच है
और हर एक सांस कठपुतली
प्यार सिर्फ़ वह डोर कि जिस पर
नाचे बादल, नाचे बिजली,
तुम चाहे विश्वास न लाओ लेकिन मैं तो यही कहूँगा
प्यार न होता धरती पर तो सारा जग बंजारा होता।
प्यार अगर…

आज तक हमसे न हमारी मुलाक़ात हुई


अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई…

अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई

आप मत पूछिए क्या हम पे सफ़र में गुजरी?
था लुटेरों का जहाँ गाँव वहीं रात हुई

ज़िंदगी-भर तो हुई गुफ़्तगू गैरों से मगर,
आज तक हमसे न हमारी मुलाक़ात हुई

एक कातिल से तभी मेरी मुलाक़ात हुई…

हर गलत मोड़ पे टोका है किसी ने मुझको,
एक आवाज़ जब से तेरी मेरे साथ हुई

मैंने सोचा कि मेरे देश की हालत क्या है,
एक कातिल से तभी मेरी मुलाक़ात हुई

कुछ यूं है शुरुआत मेरी दास्तान की…

खुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की…

खुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की,
खिड़की खुली है गालिबन उनके मकान की

हारे हुए परिन्दे ज़रा उड़ के देख तो,
आ जायेगी जमीन पे छत आसमान की

बुझ जाये सरे आम ही जैसे कोई चिराग,
कुछ यूं है शुरुआत मेरी दास्तान की

हालत यही है आजकल हिन्दुस्तान की…

ज्यों लूट ले कहार ही दुल्हन की पालकी,
हालत यही है आजकल हिन्दुस्तान की

औरों के घर की धूप उसे क्यूं पसंद हो
बेची हो जिसने रौशनी अपने मकान की

जुल्फों के पेंचो-ख़म में उसे मत तलाशिये,
ये शायरी जुबां है किसी बेजुबान की

‘नीरज’ से बढ़कर और धनी है कौन,
उसके हृदय में पीर है सारे जहान की

हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए…

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए…

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए।
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए।

जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर
फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।

आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी
कोई बतलाए कहां जाके नहाया जाए।

प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए
हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए।

ऐसे माहौल में नीरज को बुलाया जाए…

मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा
मैं रहूं भूखा तो तुझसे भी न खाया जाए।

जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए।

गीत उन्मन है, ग़ज़ल चुप है, रूबाई है दुखी
ऐसे माहौल में नीरज को बुलाया जाए।

साभार-कविता कोश

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