What is Katchatheevu Island Dispute: कच्चातिवु द्वीप का विवाद क्या है?, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने सदन में किया

Last Updated on July 21, 2024 by Manu Bhai

कच्चातिवु द्वीप का विवाद क्या है: जब लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रहा तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। वैसे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तो गिर गया परन्तु पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान देश में एक नया चर्चा को छेड़ दिय। जिसके बारे में देश के बहुत काम लोगो को ही पता होगा। प्रधानमंत्री जी ने “कच्चातिवु द्वीप” का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुआ कहा कि जो लोग बाहर गए हैं, उनसे जरा पूछिए कि कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? आखिर कच्चादिवू है क्या ? इसकी चर्चा हम इस लेख में आगे करने वाले हैं। इसी बिच उन्होंने इस बारे में कांग्रेस पार्टी की जमकर आलोचना भी की।

प्रधानमंत्री ने सदन में कहा की “मणिपुर की समस्या जल्द हल हो जायेगी। केंद्र और राज्य सरकार इस पर काम कर रही है और जल्द ही परिणाम हमारे सामने होगा।” इस दौरान, पीएम ने विपक्षी दलों से “कच्चातिवु द्वीप” के बारे में पूछ डाला। उन्होंने विपक्ष से कहा कि कृपया वे बताएं कि “कच्चातिवु आइलैंड” के बारे में। पिएम् मोदी ने कहा की आज भी तामिलनाडु की DMK सरकार एवं उनके मुख्यमंत्री मुझे लिखते हैं- मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ। हाल ही में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस द्वीप को वापस लेने की मांग की थी। तो आइए जानते हैं कि “कच्चातिवु द्वीप” के बारे में क्या विवाद है।

कच्चातिवु द्वीप का विवाद क्या है?

यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दे दिया। ये कहानी है कच्चातिवू की, ये द्वीप 1974 में श्रीलंका को दे दिया गया था। वास्तव में कच्चातिवु द्वीप दक्षिण भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम से लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक द्वीप है। भौगोलिक और वैज्ञानिक प्रमाण के अनुसार यह द्वीप 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट से बना है। उसी समय से इस द्वीप पर रामेश्वरम के आसपास के मछुआरे मछली पकड़ते रहे हैं। इसके साथ ही इस कच्चातिवू द्वीप पर एक सालाना उत्सव होता है उसमें सब मछुआरे भाग लेते रहे हैं। लेकिन 1921 में श्रीलंका ने इस पर दावा कर दिया और इसे विवादित क्षेत्र बना दिया।

Katchatheevu Island

इंदिरा गांधी ने गिफ्ट किया था कचातिवु द्वीप

1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और श्रीलंका की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमाओ भंडारनायके के बीच एक समझौते में यह द्वीप भारत ने श्रीलंका को सौगात में दे दिया। बावजूद विवाद के पारंपरिक रूप से श्रीलंका के तमिल और तमिलनाडु के मछुआरे इसका इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षो से श्रीलंका यहां भारतीय मछुआरों को न सिर्फ परेशान करता है बल्कि उसे गिरफ्तार भी कर लेता है।

कचातिवु द्वीप मुद्दे पर तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और वहां मांग की जा रही है कि भारत सरकार इस द्वीप को फिर वापस ले और भारत में मिला ले। 1991 से ही तमिलनाडु सरकार इसे वापस लेने की मांग कर रही है। तब जयललिता की सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई, जिसने भारत सरकार के फैसले को असंवैधानिक घोषित कर दिया और मामला अभी भी लंबित है।

What is Katchatheevu Island Dispute

आप सभी को बता दें कि हाल ही में जब प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु का दौरा किया था तो मुख्यमंत्री स्टालिन भी उनके साथ मंच पर उपस्थित थे। स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई बड़े सवाल पूछे,कच्चातिवु द्वीप उनमें से एक है। सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि जब प्रधानमंत्री तमिलनाडु आए तो मैंने उनके सामने कुछ मांगें रखी। हम प्रधान मंत्री से (श्रीलंका) से कचातिवु द्वीप वापस लेने के लिए कहते हैं ताकि हमारे मछुआरे समुद्र में स्वतंत्र रूप से मछली पकड़ सकें। हालाँकि, भारत और श्रीलंका अक्सर इस मुद्दे पर झगड़ते रहते हैं।

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FAQ Katchatheevu Island

कच्चातीवू का मालिक कौन है?

कच्चातीवू का मालिक अभी तक स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं है। कच्चाथीवु (तमिल: கச்சத்தீவு, रोमानीकृत: कक्कातिवु, सिंहली: කච්චතීවු, रोमानीकृत: कक्कातिवु) एक 163 एकड़ का निर्जन द्वीप है जिसे श्रीलंका के प्रशासन में रखा गया है। यह 1974 तक भारत और श्रीलंका के बीच एक विवादित क्षेत्र था। भारत सरकार द्वारा इसका कभी सीमांकन नहीं किया गया है।

श्रीलंका को कच्चातीवू कैसे दिया जाता है?

1974 में, तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने अपने समकक्ष श्रीलंकाई राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ 1974-76 के बीच चार समुद्री सीमा समझौतों पर हस्ताक्षर किए और कच्चाथीवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया।

भारत और श्रीलंका के बीच कौन सा द्वीप है?

आइए हम विस्तार से जानते हैं कि कच्छतीवु द्वीप का पूरा मामला क्या है. श्रीलंका के उत्तरी तट और भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के बीच पाक जलडमरूमध्य क्षेत्र है. इस जलडमरूमध्य का नाम रॉबर्ट पाल्क के नाम पर रखा गया था जो 1755 से 1763 तक मद्रास प्रांत के गवर्नर थे

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