Last Updated on August 14, 2023 by Manu Bhai
मातृभूमि कविता वो वीर निराला भारत का
वो अंधकार में जिया नहीं,
वो था अमर उजाला भारत का ;
जो शहीद हो गया मातृभूमि के लिए,
वो वीर निराला भारत का ;
कौन कहता है, था वो कोई मतवाला,
वो तो था भारत माँ का लाला ;
जो शहीद हो गया पलभर में,
था वो मातृभूमि का रखवाला ;
अपने भार्या के गहने लेकर,
भारत माँ का सौंदर्य बढ़ा डाला ;
अपनी माता के आँसू लेकर,
भारत माता के चरणों को धो डाला ;
अपनी बहन की राखी की रक्षा का,
हिस्सा भी इस मातृभूमि को डे डाला ;
मातृभूमि कविता- वो वीर निराला भारत का, पुलवामा के शहीदों को समर्पित
वो अजर हो गया अमर हो गया,
ये तन मातृभूमि को समर्पित कर डाला ;
है मेरा नमन बार बार उनको,
जिसने था इस लाल को पाला ;
वो जिया नहीं युग युग तक जियेगा,
जिसने ऐसा इतिहास रच डाला ;
अपने हीं रक्त की बूंदो से,
इतिहास का रंग बदल डाला ;
वो अंधकार में जिया नहीं,
वो था अमर उजाला भारत का ;
जो शहीद हो गया मातृभूमि के लिए,
वो वीर निराला भारत का.
जय जय जजनी जय मातृभूमि
जय जय भारत
कवि : श्री पंकज जोशी
भिंड – मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं.
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