पंचतंत्र की कहानी – बन्दर और लकड़ी का खूंटा / Panchtantra Story in Hindi – The Monkey and The Wedge

Last Updated on December 6, 2023 by Manu Bhai

बन्दर और लकड़ी का खूंटा (Panchtantra Bander Ki Kahani) Panchtantra Monkey Story in Hindi पंचतंत्र की कहानी: Panchtantra Story – Naughty Monkey and the carpenter .

The Monkey and The Wedge Story In Hindi

पंचतंत्र की कहानी – बन्दर और लकड़ी का खूंटा

एक समय की बात है किसी शहर के पास एक बड़े मंदिर के निर्माण का कार्य हो रहा था। उस निर्माण कार्य में बहुत संख्या में मजदूर कार्य में लगे हुए थे। उस समय वहां पर लकड़ियों का काम अधिक मात्रा में चल रहा था, इसलिए वहां पर लकड़ी चीरने के लिए बहुत से मजदूर काम में लगे थे।

वहां पर चारों तरफ जगह जगह लकड़ियों के लठ्ठे बिखरे पड़े थे। चुकी लठ्ठे और शहतीर चीरने का काम वहां पर हो रहा था। हर दिन की तरह एक दिन सभी मजदूरों को दोपहर के समय का भोजन करने के लिए पास के बाजार में चले गए थे। दोपहर के खाना खाने से पहले एक मजदूर ने लकड़ी आधी ही चीर थी। इसलिए, वह लकड़ी के लट्ठे के बीच में लकड़ी का खूंटा फंसा देता है, ताकि दोबारा चीरने के लिए आरी फंसाने में आसानी हो।

जब सभी मजदूर भोजन करने जाते थे तब वहां पर कोई नहीं होता था।

तभी उस जगह पर कहीं से बंदरो का एक झुंड पहुँच गया। उन्ही बंदरों में एक बहुत ही शरारती बंदर भी था। वह शरारती बन्दर किसी की बात भी नहीं सुनता था और हमेशा जरूरत से ज्यादा उछल-कूद करता था और वहां पड़ी चीजों को उल्टा-पुल्टा करने और बिखेरने लगा। बंदरों के सरदार ने जब कई बंदरों को शरारत करते देखा तो सभी को वहां रखी चीजों को छेड़ने से मना किया। और सरदार ने सभी बंदरों को पेड़ पर वापस आने का आदेश भी दिया।

सभी बंदर उसी समय पास के पेड़ पर वापस चले गए परंतु वह शरारती बंदर वहीं रुका रहा। वह बंदर वहीं लकड़ियों के लट्ठों के ऊपर उछल कूद करता रहा। तभी उस बंदर की नजर उस खूंटा (किला ) फसाए हुए लकड़ी के लट्ठे पर पड़ी। उसने पास पड़े आरी को पकड़ा और लकड़ी पर रगड़ने लगा। लकड़ी पर रगड़ने के कारण किर्रर्र-किर्रर्र की आवाज सुनाई देने लगी।

कहा जाता है बंदरों की भाषा में किर्रर्र-किर्रर्र का अर्थ होता है; आलसी और निकम्मा। ऐसी आवाज सुनते ही उस शरारती बंदर को बहुत गुस्सा आया और वह लट्ठे के बीच में फंसाए हुए खूंटे को गौर से देखने लगा। उसे लगा कि अगर इस किले को निकाल दिया जाए तो वह आवाज बंद हो सकती है और वह किले को निकालने के काम में लग पड़ा। अब वह उस खूंटे को बाहर निकालने के लिए उसे जोर जोर से खींचने लगता है।

Panchtantra Story in Hindi – The Monkey and The Wedge

बंदर उस खूंटे को निकालने की पूरी कोशिश करने लगा और धीरे-धीरे खूंटा हिलने लगा। अब बन्दर को विश्वास होने लगा था की वह उस खूंटे को निकाल देगा। उसी खींचातानी मे लट्ठे के चीरा के बीच में बंदर की पूंछ कब आ गई उसे पता ही नहीं चला। जैसे ही खूंटा निकला, बंदर की पूंछ लट्ठे के चिरा के बीच में फस गई। बंदर दर्द से बिलबिला उठा। वह चीखने और चिल्लाने लगा।

उसी समय सभी मजदूर भी खाना खा कर वापस आ गए। मज़दूरों को आते देख बंदर ने फंसे पूछ निकाल भागने के लिए जोर लगाया। जोर लगाने के कारण शरारती बंदर की पूंछ टूट गई और वह जंगल की ओर भाग गया। शरारती बन्दर टूटी पूछ लेकर अपने झुंड के पास पहुँचता है तो सभी बंदर उसकी टूटी हुई पूंछ देखकर हंसने लगते हैं और उसका खूब मजाक उड़ाते हैं।

कहानी से सीख : (Moral of Story)

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें जिस चीज के बारे में पता न हो उसके बारे में पूर्वानुमान नहीं करना चाहिए साथ ही न तो दूसरों की चीजों के साथ छेड़छाड़ करनी चाहिए और न ही उनके काम में दखलंदाजी करनी चाहिए। ऐसा करने से हमें ही नुकसान होता है।

  • हमेशा शिक्षित और अपने से बड़ों की बात माननी चाहिए। 
  • हमेशा नियमों का पालन करना चाहिए। 
  • जरूरत से ज्यादा उत्पात नहीं मचाना चाहिए।
क्रम संख्यातंत्र विवरणकहानी का नाम
1कथामुख-पंचतंत्रकथामुख-पंचतंत्र का प्रारम्भ
2मित्र भेदबन्दर और लकड़ी का खूंटा
3मित्र भेदसियार और ढोल
4मित्र भेदपंचतंत्र – व्यापारी का पतन और उदय
5मित्र भेदपंचतंत्र -दुष्ट सर्प और कौवे
6मित्र भेदपंचतंत्र – मूर्ख साधू और ठग
7मित्र भेदपंचतंत्र – लड़ते बकरे और सियार
8मित्र भेदपंचतंत्र – बगुला भगत और केकड़ा
9मित्र भेदपंचतंत्र – चतुर खरगोश और शेर
10मित्र भेदपंचतंत्र – खटमल और बेचारी जूं
11मित्र भेदपंचतंत्र- रंगा सियार
12मित्र भेदपंचतंत्र – शेर, ऊंट, सियार और कौवा
13मित्र भेदपंचतंत्र – टिटिहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान
14मित्र भेदपंचतंत्र – मूर्ख बातूनी कछुआ
15मित्र भेदपंचतंत्र – तीन मछलियां
16मित्र भेदपंचतंत्र -हाथी और गौरैया
17मित्र भेदपंचतंत्र -सिंह और सियार
18मित्र भेदपंचतंत्र – चिड़िया और बन्दर
19मित्र भेदपंचतंत्र – मित्रद्रोह का फल
20मित्र भेदपंचतंत्र- मूर्ख बगुला और नेवला
21मित्र भेदपंचतंत्र – जैसे को तैसा
22मित्र भेदपंचतंत्र – मुर्ख मित्र

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