Last Updated on July 21, 2024 by Manu Bhai
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?, रक्षाबंधन कब मनाया जाता है और कैसे मनाया जाता है ? रक्षाबंधन का इतिहास, रक्षाबंधन की कहानियां | 2024 रक्षाबंधन कब है? Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata hai in Hindi, रक्षाबंधन 2024 शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का उत्सव भाई-बहन के पवित्र और सजीव संबंध को समर्पित है। यह त्योहार प्रेम, सन्मान, और वफादारी के भावों का प्रतीक है। रक्षाबंधन हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे लगभग भारत के सभी हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण को प्रदर्शित करता है, जबकि बहन अपने भाई की सुरक्षा और कल्याण की कामना करती हैं। रक्षाबंधन के इस रिश्ते में प्यार और सम्मान की भावना समेटी जाती है और भाई-बहन के बीच एक गहरा बंधन पैदा होता है। इस लेख में हम रक्षाबंधन के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे की यह कब और क्यों मनाया जाता है, रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है, इसका इतिहास और कुछ रोचक कहानियां।
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?
रक्षाबंधन हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार में बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं, जिससे भाई अपनी बहन का साथी और संरक्षक माना जाता है।
रक्षाबंधन 2024 कब है?
Raksha Bandhan 2024 : भारतीय ज्योतिष एवं हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। जो की इस साल 2024 में इस बार पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त की सुबह 10:58 मिनट से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 की सुबह 07:05 तक रहेगी.
2024 में रक्षाबंधन कब है ?
इस बार पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त की सुबह 10:58 मिनट से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 की सुबह 07:05 तक रहेगी. लेकिन पूर्णिमा और भद्राकाल साथ-साथ लग जाएगा।
रक्षाबंधन 2024 शुभ मुहूर्त- रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त
इस बार पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त की सुबह 10:58 मिनट से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 की सुबह 07:05 तक रहेगी. लेकिन पूर्णिमा और भद्राकाल साथ-साथ लग जाएगा। हिंदू धर्म में इस काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए मुख्य रूप से शुभ मुहूर्त इस समय को होगा –
रक्षाबंधन 2023 का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को
19 अगस्त 2024 प्रातः 03:04 बजे पूर्णिमा होगी। पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को रात्रि 11:55 बजे समाप्त होगी।
- रक्षा बंधन धागा समारोह का समय: दोपहर 01:30 बजे से रात 09:08 बजे तक
- अपराह्न 01:43 बजे से शाम 04:20 बजे तक अपराहन समय रक्षा बंधन अभिषेक: दोपहर 01:43 बजे से शाम 04:20 बजे तक
- प्रदोष काल रक्षा बंधन अभिषेक: शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक
- रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय: दोपहर 01:30 बजे
- रक्षा बंधन भद्रा पुंछा: प्रातः 09:51 बजे से प्रातः 10:53 बजे तक
- रक्षा बंधन भद्रा मुख: प्रातः 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
- पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 प्रातः 03:04 बजे पूर्णिमा होगी।
- पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को रात्रि 11:55 बजे समाप्त होगी।
रक्षा बंधन का त्यौहार कब है | 19 अगस्त 2024 |
दिन | बुधवार |
राखी बांधने का शुभ मुहुर्त | 19 अगस्त को दोपहर 01:30 बजे से रात 09:08 बजे तक |
अति शुभ मुहूर्त | अपराह्न 01:43 बजे से शाम 04:20 बजे तक अपराहन समय रक्षा बंधन अभिषेक: दोपहर 01:43 बजे से शाम 04:20 बजे तक |
कुल अवधि | 20 घंटे 7 मिनट |
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है ? –
Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है यह एक महत्वपूर्ण प्रहण है जिसे कई जो जानते भी होंगे, जबकी कुछ लोगो को नहीं मालुम होगा। तो आइये जानते हैं – रक्षाबंधन का अर्थ होता है “रक्षा” या “सुरक्षा” का बंधन। इस दिन बहन अपने भाइयों को रक्षाधागा या रक्षा सूत्र बंधती हैं और भाई अपनी बहनों को जीवन भर के लिए उनकी रक्षा करने का वचन देता है। इस दिन भाई-बहन के प्यार और सम्मान का उत्सव मनाया जाता है और भाई अपनी बहन की सुरक्षा का प्रतिज्ञान करते हैं। रक्षाबंधन के द्वारा भाई-बहन के बीच एक अद्भुत रिश्ता मजबूत होता है जो जीवन भर चलता है। यह पर्व भाई-बहन के आपसी प्रेम और विश्वास को स्थायी करता है और एक-दूसरे के साथ संबंधों को मजबूत बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है।
रक्षाबंधन कैसे मनाये (How to Celebrate Raksha Bandhan)
रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए, आप इसे निम्नलिखित तरीके से मना सकते हैं:
1. तैयारी (Preparations)
रक्षाबंधन के दिन से पहले, आपको सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा करने की आवश्यकता होती है। इसमें राखी, मिठाई, सिंदूर, और पूजा सामग्री शामिल होती है।
2. पूजा विधि (Rituals)
रक्षाबंधन के दिन, बहन राखी बांधने के लिए तैयार हो जाती हैं। वे भाई को रक्षासूत्र बांधकर उसकी आयु की कामना करती हैं और भाई भी उसे उपहार देता है। इसके बाद, परिवार मिलकर पूजा विधि के साथ भगवान का आराधना करता है।
3. बहन-भाई के बीच खास मोमेंट (Special Moments Between Siblings)
रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के बीच खास पल होते हैं। वे एक-दूसरे के साथ खेलते हैं, मिठाई खाते हैं, और आपसी प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं।
4. रक्षाबंधन उपहार (Gifts)
रक्षाबंधन के त्योहार में, भाई बहन एक-दूसरे को उपहार देते हैं। भाई अपनी बहन को चाहे उसे कुछ स्पेशल उपहार दे या फिर पसंदीदा चीजें खरीदे। यह भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।
रक्षाबंधन की कहानियां (Raksha Bandhan Stories)
रक्षाबंधन के त्योहार से जुड़ी कुछ प्रसिद्ध पौराणिक कहानियां हैं, जो हमें रक्षाबंधन के महत्व को समझाती हैं:
राजा बलि और माँ लक्ष्मी कि कहानी :
भगवत पुराण और विष्णु पुराण के आधार पर यह विश्वास किया जाता है कि एक बार जब भगवान विष्णु ने राजा बलि को पराजित करके तीनों लोकों पर अधिकार प्राप्त किया, तो बलि ने भगवान विष्णु से उनके महल में निवास करने की इच्छा व्यक्त की। भगवान विष्णु ने बलि के इस इच्छा को स्वीकार कर लिया। हालांकि, भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी को भगवान विष्णु और बलि की मित्रता अच्छी नहीं लग रही थी, इसलिए उन्होंने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया। इसके बाद माँ लक्ष्मी ने बलि को रक्षा धागा बांधकर भाई बना लिया।
इस पर बलि ने लक्ष्मी से मनचाहा उपहार मांगने का अनुरोध किया। इस पर माँ लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को उस वचन से मुक्त करें कि भगवान विष्णु उसके महल में निवास करेंगे। बलि ने इस बात को स्वीकार कर लिया और साथ ही माँ लक्ष्मी को अपनी बहन के रूप में भी स्वीकार किया।
यम और यमुना की कथा:
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, मृत्यु के देवता यम जब अपनी बहन यमुना से 12 वर्षों तक मिलने नहीं गए, तो यमुना जी बहुत दुखी रहने लगी और माँ गंगा से इस बारे में बात की। माँ गंगा ने याम को यह सूचित करवाया कि यमुना उनकी लम्बे समय से प्रतीक्षा कर रही हैं। तब यम यमुना जी से मिलने जाते हैं। यम को देख कर यमुना जी बहुत प्रसन्न हुईं और उनके लिए विभिन्न तरह के व्यंजन भी बनाए। यम इससे बेहद खुश हुए और उन्होंने यमुना से कहा कि बहन तुम कोई भी मनचाहा वरदान मांग सकती हो।
यमुना ने उनसे यह वरदान मांगा कि यम जल्द जल्दी अपनी बहन के पास मिलाने आया करें। इसके लिए यमुना जी ने यम को भी एक रक्षा सूत्र बाँध कर यम को आशीर्वाद दिया। यह सब सत्कार पा कर यम अपनी बहन के प्रेम और स्नेह से गदगद हो गए और यमुना को अमरत्व का वरदान दिया। भाई-बहन के इस प्रेम को भी रक्षाबंधन के अवसर पर याद किया जाता है।
रक्षाबंधन का इतिहास:
रक्षाबंधन विश्व इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण पर्व रहा है। यहां रक्षाबंधन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन है:
सिकंदर और राजा पुरु:
एक महान ऐतिहासिक घटना के अनुसार, 326 ई.पू. में सिकंदर ने भारत में प्रवेश किया था। सिकंदर की पत्नी रोशानक ने राजा पोरस को एक राखी भेजी और उनसे सिकंदर पर जानलेवा हमला न करने का वचन लिया। इस प्रतीति के कारण, राजा पोरस ने युद्ध भूमि में जब अपनी कलाई पर बंधी वह राखी देखी, तो सिकंदर पर व्यक्तिगत हमले नहीं किए।
रानी कर्णावती और हुमायूँ:
एक और ऐतिहासिक कथा के अनुसार, सन् 1535 के आस पास की इस घटना में, रानी कर्णावती और मुग़ल शासक हुमायूँ के संबंध में एक कहानी है। जब चित्तोड़ की रानी को यह लगा कि उनका साम्राज्य गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से नहीं बचाया जा सकता, तो उन्होंने हुमायूँ, जो पहले चित्तोड़ का दुश्मन था, को राखी भेजी और एक बहन के नाते मदद माँगी। हालांकि, इस घटना के बारे में कई इतिहासकारों के बीच में अलग-अलग मत है, कुछ लोग पहले के हिंदू-मुस्लिम एकता के सन्दर्भ में इस राखी वाली घटना को देखते हैं।
1905 का बंग भंग और रवींद्रनाथ टैगोर:
भारत में जब अंग्रेज अपनी सत्ता जमाए रखने के लिए ‘डिवाइड एंड रूल’ नीति का प्रयोग कर रहे थे, उस समय रवींद्रनाथ टैगोर ने लोगों में एकता को बढ़ावा देने के लिए रक्षाबंधन का पर्व मनाया। वर्ष 1905 में, बंगाल की एकता को देखते हुए ब्रिटिश सरकार बंगाल को विभाजित करने और हिंदू-मुस्लिम विवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही थी। उस समय रवींद्रनाथ टैगोर ने रक्षाबंधन का त्योहार मनाकर देशवासियों को एकता का संदेश दिया।
सिखों का इतिहास:
18 वीं शताब्दी में सिख खालसा आर्मी के अरविन्द सिंह ने राखी नामक एक प्रथा को आरंभ किया, जिसमें सिख किसान अपनी उपज का छोटा सा हिस्सा मुस्लिम आर्मी को देते थे और उत्तराधिकारियों द्वारा उन्हें सुरक्षित रखा जाता था।
महाराजा रणजीत सिंह, जिन्होंने सिख साम्राज्य की स्थापना की, की पत्नी महारानी जिन्दान ने नेपाल के राजा को रक्षाबंधन भेजी थी। नेपाल के राजा ने उनकी राखी स्वीकार ली थी, लेकिन नेपाल के हिंदू राज्य को देने से इनकार कर दिया था।
रक्षाबंधन प्रश्न-उत्तर (FAQs)
1. रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?
रक्षाबंधन हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
2. रक्षाबंधन का महत्व क्या है?
रक्षाबंधन हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम और सम्मान का प्रतीक है और इसे भारतीय परिवारों में एक अहम उत्सव माना जाता है।
3. रक्षाबंधन की पूर्व संस्कृति कहां से है?
रक्षाबंधन की प्रारंभिक प्रथा हिंदू मिथकों और पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है।
4. रक्षाबंधन का त्योहार किस देश में मनाया जाता है?
रक्षाबंधन हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन यह भारतीय उपमहाद्वीप में विशेष रूप से उत्साह से मनाया जाता है।
5. रक्षाबंधन के दौरान उपहारों का चयन कैसे करें?
रक्षाबंधन के दौरान उपहारों का चयन आपके भाई या बहन की पसंद और रुचि के अनुसार किया जाना चाहिए। उपहार को मनभावनी भावना से चुनने से आपके रिश्ते में और गहराई आएगी।
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