राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता संग्रह एवं जीवन परिचय [Ramdhari Singh Dinkar Poems and Biography] रामधारी सिंह दिनकर की कविता के बारे में बताने से पहले आपको रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त परिचय दे देना चाहता हूँ। तो चलिए शुरू करते हैं, भारत के वीर रस के महानतम सुप्रसिद्ध सर्वश्रेष्ठ कवी एवं श्रेष्ठ लेखक रामधारी सिंह दिनकर जी…
Category: Kavita Sangrah
Jhansi Ki Rani kavita झाँसी की रानी कविता का सारांश
Jhansi Ki Rani Kavita झाँसी की रानी कविता की व्याख्या Jhansi Ki rani Kavita : हिंदी भाषा की महान कवियत्रियों में से एक सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखी गयी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत अबतक की महानतम कविता है। कविता को सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका और बलिदान की गाथा के…
Bhartendu Harishchandra Ki Rachnaye भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रचनाएँ
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जीवन परिचय Bhartendu Harishchandra श्री भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ ( Bhartendu Harishchandra Ki Rachnaye ) साहित्य जगत में ख्याति प्राप्त है, उन्होंने कविता, नाटक, और व्यंग्य आदि कई विधाओं में रचनाएँ लिखी हैं. भारतेन्दु जी की कई नाटक और काव्य-कृतियाँ प्रकाशित होने के तुरंत बाद ही प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँच गए और आज भी उन सभी…
मातृभूमि कविता- वो वीर निराला भारत का, पुलवामा के शहीदों को समर्पित
मातृभूमि कविता- वो वीर निराला भारत का, पुलवामा के शहीदों को समर्पित मातृभूमि कविता वो अंधकार में जिया नहीं, वो था अमर उजाला भारत का ; जो शहीद हो गया मातृभूमि के लिए, वो वीर निराला भारत का ; कौन कहता है, था वो कोई मतवाला, वो तो था भारत माँ का लाला ; जो शहीद हो गया पलभर में,…
अटल विहारी वाजपेयी की कविता- “नादान पड़ोसी को चेतावनी “
अटल विहारी वाजपेयी की कविता- नादान पड़ोसी को कड़ा सन्देश नहीं चेतावनी श्री अटल विहारी वाजपेयी की लिखी यह कविता आज के समय में हमारे पड़ोसी देश को लेकर उतनी हीं प्रासंगिक है जितनी तब थी. अटल जी कविता संग्रह ‘मेरी इक्यावन कविताएं’ से लिया गया यहाँ कविता मैं पुलवामा में शहीद अपने भारत माँ के सपूतों को समर्पित करता…
पुलवामां में शहीद जवानों के लिए एक कविता “माँ के लिए शहीद बेटे की भावना”
पुलवामां में शहीद जवानों के लिए एक कविता “माँ के लिए शहीद बेटे की भावना” शहादत का सेहरा बांधे, मृत्यु से विवाह रचाता हुँ जन्मभूमि की रक्षा खातिर, अपनी भेंट चढ़ाता हुँ मैं तेरा बेटा बनकर आया, इस दुनियाँ में माँ लेकिन भारत माँ का बेटा बनकर, इस दुनियाँ से जाता हुँ माँ देख तिरंगा मेरे तन पर, कितना सुन्दर…
हिन्दी कविता पथ भूल न जाना पथिक कहीं
हिन्दी कविता “पथ भूल न जाना पथिक कहीं” हिन्दी कविता वास्तव मे हिन्दी काव्य साहित्य का हीं हिस्सा है, जिसका इतिहास वैदिक काल से ही माना जाता है। दोस्तों मैं हिंदी काव्य साहित्य का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं और बचपन से हीं कविताओं से मेरा लगाव रहा है। एक कविता जो बहुत ही प्रचलित है और जब हम विद्यार्थी जिवन…
वक़्त, अतीत और लम्हा (एक सोच)
वक़्त अतीत और लम्हा! तो आइये एक एक कर जानते हैं वक़्त वक़्त कराहता नहीं वल्कि कड़वाहट भी लाता है, तभी तो आजमाया जाता है. फिर भी चलता रहता है बे-लगाम जो होता है. फितरत से अनजान होता है. फिकर करना उसकी धरोहर जो होता है, लेकिन अंजाम से बहुत दुर होता है, तभी तो एहसास के करीब होता है,…